मुंबई। कफ सिरप मामले में भारत को अभी और काम करने की जरूरत है। यह नसीहत विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक अधिकारी ने दी है। उनका कहना है कि भारत को जहरीली खांसी की दवा की बिक्री रोकने के लिए और काम करना होगा। यह बात कफ सिरप से 24 बच्चों की मौत के बाद कही गई है। पिछले दिनों श्रीसन फार्मा कंपनी की कोल्ड्रिफ खांसी की दवा लेने के बाद बच्चों की मौत हो गई। इसका टेस्ट करने से पता चला कि उसमें डायथिलीन ग्लाइकॉल नामक घातक पदार्थ स्वीकार्य सीमा से करीब 500 गुना अधिक था।
WHO ने कहा कि प्रवर्तन संबंधी समस्याएं लगातार बनी हुई हैं। अधिकारी रुतेंडो कुवाना ने कहा कि भारत ने इस मामले में कुछ तरक्की की है। उन्होंने उस नए भारतीय नियम का जिक्र किया जिसके तहत निर्यात से पहले दवाओं का डायथिलीन और एथिलीन ग्लाइकॉल जैसे घातक पदार्थों की टेस्टिंग करना आवश्यक है। हालांकि, स्थानीय स्तर पर बेचे जाने वाले इन सिरप को लेकर ऐसा कोई नियम मौजूद नहीं है। इस नियामक कमी को स्वास्थ्य संगठन ने चिह्नित किया है।
रुतेंडो कुवाना ने कहा कि भारत में काम प्रगति पर है। अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। यह एक बड़ा बाजार है। इसमें हजारों मैन्यफैक्चर और कई राज्य हैं जिनसे निपटना होगा।