नई दिल्ली। मलेरिया का स्वदेशी टीका बाजार में जल्द आएगा। इसके निर्माण की पांच कंपनियों को जिम्मेदारी मिली है। ICMR और RMRC ने मिलकर पहला स्वदेशी मलेरिया टीका “AdvaFalsivax” विकसित किया है। ये संक्रमण से पहले और उसके प्रसार दोनों को रोकता है। सरकार ने 5 कंपनियों को उत्पादन की जिम्मेदारी सौंपी है, और वर्ष के अंत तक पहला बैच आ सकता है।
यह है मामला
मलेरिया मुक्त भारत के लिए जल्द ही पहले स्वदेशी टीके का उत्पादन शुरू होगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने पांच कंपनियों को जिम्मेदारी सौंपी है। इनमें अगले कुछ सप्ताह में टीका उत्पादन शुरू होगा। इस साल के अंत तक पहला बैच जारी हो सकता है। नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने हाल ही में मलेरिया रोधी टीके की खोज की है। यह न केवल संक्रमण बल्कि मलेरिया के समुदाय में प्रसार पर भी रोक लगाने में सक्षम है। आईसीएमआर और आरएमआरसी के वैज्ञानिकों ने अपनी इस खोज को एडफाल्सीवैक्स नाम दिया है। यह मलेरिया परजीवी प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के खिलाफ पूरी तरह असरदार पाया गया है।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा कि यह भारत का पहला स्वदेशी मलेरिया रोधी टीका है। यह रक्त में पहुंचने से पहले के चरण और संक्रमण प्रसार को रोकने में दोहरा असर दिखाता है। इसके निर्माण में लैक्टोकोकस लैक्टिस का प्रयोग किया है। यह एक ग्राम-पॉजिटिव जीवाणु है और इसका उपयोग छाछ और पनीर के उत्पादन में बड़े पैमाने पर किया जाता है। इससे जल्दी और प्रभावी रूप से नवाचारों का व्यवसायीकरण संभव होगा।