नई दिल्ली। एफडीसी एंटीबायोटिक दवाओं के लाइसेंस वापस लेने के निर्देश दिए गए हैं। औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड (डीटीएबी) ने केंद्रीय औषधि नियामक को निर्देश दिया कि वह एफडीसी के लिए उत्पाद लाइसेंस वापस लेने से संबंधित मामले को राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरणों के समक्ष उठाए।
इन दवाओं का उपयोग तर्कहीन तरीके से किया जा रहा है। बोर्ड ने 24 अप्रैल को बैठक में एफडीसी एंटीबायोटिक्स को विनियमित करने के प्रस्ताव और इसके तर्कहीन उपयोग की जांच के संबंध में स्थिति रिपोर्ट का विश्लेषण किया। पाया गया कि औषधि महानियंत्रक ने एसएलए को अपेक्षित जानकारी प्राप्त करने के लिए कई अनुस्मारक दिए हैं। एसएलए द्वारा वांछित जानकारी प्रस्तुत न करना उचित नहीं है। डीटीएबी ने कहा कि डीसीजी (आई) प्रावधानों के अनुसार उचित कार्रवाई के लिए ऐसे एफडीसी के उत्पाद लाइसेंस वापस लेने के लिए एसएलए के समक्ष मामला उठा सकता है।
डीसीजीआई ने पहले राज्य दवा विनियामकों से अस्वीकृत एंटीबायोटिक संयोजनों की उपस्थिति की निगरानी करने के लिए कहा था। डीसीजीआई डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने 16 मई, 2024 को एसएलए को भेजे एक पत्र में कहा कि आपसे अनुरोध है कि आप दो सप्ताह के भीतर आज तक आपके द्वारा लाइसेंस प्राप्त एंटीबायोटिक संयोजनों की सूची प्रदान करें। अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत बाजार में चल रहे अस्वीकृत एंटीबायोटिक संयोजनों की उपलब्धता की निगरानी करें और समय-समय पर सीडीएससीओ को सूचित करें।