नई दिल्ली। नई दिल्ली। किडनी की दवा को हार्ट अटैक के मरीजों के लिए लाभदायक पाया गया है। यह दावा शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने शोध के बाद किया है।
बताया गया है कि किडनी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा को दिल के दौर वाले मरीजों को दिया जा सकता है। माउंट सिनाई फस्टर हार्ट हॉस्पिटल के नेतृत्व वाली टीम ने शोध में बताया कि एम्पाग्लिफ्लोजिन नाम की यह दवा दिल का दौरा पडऩे के बाद हार्ट फेलियर के मामलों को कम कर सकती है। यह दवा उन मरीजों पर भी काम करती है जिनकी किडनी पहले से कमजोर हैं।
गौरतलब है कि दिल का दौरा पडऩे वाले मरीज अक्सर गुर्दे की समस्या के लिए ज्यादा सेंसटिव हैं क्योंकि उन्हें कुछ दवाएं या तरल पदार्थ दिए जाते हैं। ये किडनी पर बुरा असर डाल सकते हैं और इससे किडनी को नुकसान हो सकता है। इस कारण डॉक्टर दिल के दौरे के तुरंत बाद एम्पाग्लिफ्लोजिन दवा शुरू करने से हिचकिचाते हैं। यह दवा सोडियम ग्लूकोज को-ट्रांसपोर्टर 2 प्रोटीन को अवरुद्ध कर सकती है जो ब्लड से ग्लूकोज को पुन: अवशोषित करने की किडनी की क्षमता में मदद करता है।
अस्पताल के निदेशक दीपक एल. भट्ट का कहना है कि यह शोध हृदयाघात से बचे लोगों में एम्पाग्लिफ्लोजिन दवा का उपयोग के बारे में है। इससे डॉक्टरों को इस दवा का इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस शोध में हृदयाघात के बढ़े हुए जोखिम वाले 6,522 रोगियों को एम्पाग्लिफ्लोजिन या उसकी जगह सिर्फ नाम की दवा दी गई। एम्पाग्लिफ्लोजिन लेने वाले मरीजों को दूसरों की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम पड़ी और हृदय गति रुकने की घटनाओं में भी कमी पाई गई। इसके अलावा, बेसलाइन किडनी फंक्शन में लगातार आ रहे जोखिमों में भी कमी मिली है।