मुंबई। चिकित्सा उपकरणों का परीक्षण अवैध रूप से कर रही लैब पकड़ में आई है। कस्तूरबा अस्पताल की प्रयोगशाला पिछले आठ वर्षों से बिना लाइसेंस के चिकित्सा उपकरणों का परीक्षण कर रही थी। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने अब जाकर उसके खिलाफ कार्रवाई की है।
एफडीए अधिकारियों ने कहा कि पता चला कि 2017 में नए नियम लागू होने के बाद भी यह लैब ने मंजूरी के बिना टांके, रूई और पट्टियों जैसे उत्पादों का परीक्षण कर रही थी। इससे पहले लैब के पास दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों का परीक्षण करने के लिए लाइसेंस था। इन चिकित्सा उपकरणों को जांच के बाद ही बीएमसी द्वारा संचालित अस्पतालों को आपूर्ति की जाती है।
ड्रग इंस्पेक्टर निशिगंधा पश्ते ने कहा कि जब नियम बदले गए तो अस्पताल पहले की तरह ही चलता रहा। अब वे दावा कर रहे हैं कि उन्हें नए नियमों की जानकारी नहीं थी। चिकित्सा उपकरण सप्लायर की शिकायत पर केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण के साथ यह निरीक्षण किया गया। पश्ते ने बताया कि कस्तूरबा अस्पताल अब नए लाइसेंस के लिए आवेदन करके सेवा फिर से शुरू करने की कोशिश में है। इसके लिए उसे अपने उच्च अधिकारियों से मंज़ूरी का इंतज़ार है।










