नई दिल्ली। लाइसेंसिंग प्रक्रिया में देरी के चलतेे चिकित्सा उपकरण निर्माता विदेशों में पलायन कर रहे हैं। यह समस्या स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संबंधी संसद की स्थायी समिति ने उठाई। समिति के अनुसार लाइसेंसिंग में देरी, असंगत समयसीमा और लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की भारी कमी है। इस कारण बड़ी संख्या में चिकित्सा उपकरण निर्माण इकाइयां वियतनाम और मलेशिया में स्थानांतरित हो रही हैं।
राज्यसभा में प्रस्तुत रिपोर्ट में समिति ने कहा कि कई चिकित्सा उपकरण निर्माता सीडीएससीओ (केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) की विलंबकारी रणनीति के कारण भारत में इकाई स्थापित करने से डर रहे हैं।
भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग संघ (एआईएमईडी) के फोरम समन्वयक राजीव नाथ ने कहा कि उद्योग ने लाइसेंस मिलने में देरी से संबंधित मुद्दों से केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को अवगत कराया है।
समिति ने एक डिजिटल और ट्रैक करने योग्य लाइसेंसिंग प्रणाली को लागू करने की सिफारिश की है। इसमें लाइसेंसिंग प्रक्रिया के प्रत्येक चरण के लिए निर्धारित समयसीमा शामिल होनी चाहिए। इसमें आवेदकों को स्वचालित सूचनाएं और वास्तविक समय पर ट्रैकिंग के लिए सार्वजनिक रूप से सुलभ डेटाबेस शामिल हो।