नई दिल्ली। आयुर्वेदिक खाद्य पदार्थों के लिए लाइसेंसिंग विंडो शुरू कर दी गई है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने अपने पोर्टल पर आयुर्वेद आहार उत्पादों के लिए एक समर्पित लाइसेंसिंग और रजिस्ट्रेशन विंडो शुरू की है।
यह है मामला
देशभर के आयुर्वेदिक निर्माता अब पारंपरिक आयुर्वेदिक खाद्य पदार्थों के उत्पादन लाइसेंस के लिए आसानी से आवेदन कर सकेंगे। अधिकारी ने बताया कि आयुर्वेद आहार के लिए इस क्षेत्र को औपचारिक और सुव्यवस्थित बनाना है। पारंपरिक नुस्खों को समकालीन खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों के साथ व्यवस्थित करना है। यह कदम इन उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने के लिए खाद्य और आयुर्वेद उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।
आयुर्वेद आहार का अर्थ है नियमों की अनुसूची ए के अंतर्गत सूचीबद्ध आयुर्वेद की प्रामाणिक पुस्तकों में दिए गए विधि के मुताबिक व्यंजनों या कंपोनेंट्स के अनुसार तैयार किया गया भोजन। इसमें अन्य वानस्पतिक कंपोनेंट्स वाले उत्पाद शामिल हैं। हालांकि, इसमें आयुर्वेदिक औषधियां या औषधीय उत्पाद, सौंदर्य प्रसाधन, मादक पदार्थ शामिल नहीं हैं। यह रेगुलेशन व्यक्तिगत पोषण के मूल आयुर्वेदिक सिद्धांत पर आधारित है।
इन पारंपरिक योगों के मानकीकरण से खाद्य और आयुर्वेद उद्योगों के विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। उद्योग के लिए एफएसएसएआई ने 91 अनुमोदित आयुर्वेद आहार व्यंजनों की सूची पहले ही प्रकाशित कर दी है। इस कदम से उद्योग के हितधारकों और सार्वजनिक स्वास्थ्य दोनों को लाभ होगा।









