अशोकनगर। नशीली गोली एल्प्राजोलम के वितरण में गड़बड़ का भंडाफोड़ हुआ है। जिला अस्पताल में बिना मांग के एल्प्राजोलम की 37,500 गोलियां जारी की गईं। स्टॉक रजिस्टर और भौतिक स्टॉक में अंतर पाया गया। दवाएं मरीजों की जगह परिजनों को दी जा रही थीं। जांच रिपोर्ट के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जांच रिपोर्ट में आया कि गायब हुई टैबलेट की संख्या 8400 से और भी बहुत ज्यादा है।

यह है मामला

कलेक्टर आदित्य सिंह द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट मेंचौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं। जांच में पता चला कि 37,500 एल्प्राजोलम टैबलेट बिना किसी मांग-पत्र के मन कक्ष को जारी की गईं। नर्सिंग स्टाफ ने इन्हें बिना निर्धारित प्रक्रिया के वितरित किया। दवा का बैच नंबर, एक्सपायरी डेट और मरीज संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दर्ज नहीं की। स्टॉक रजिस्टर और भौतिक स्टॉक में बड़ा अंतर पाया गया। सायकोटिक दवाओं का रिकॉर्ड अनियमित मिला।

स्टॉक रजिस्टर में प्रविष्टियां अधूरी थीं और भौतिक स्टॉक की मात्रा से मेल नहीं खा रही थीं। बीते एक वर्ष से दवा की मांग के लिए कोई विधिवत पत्र तैयार नहीं किया गया था। जब दस्तावेज मांगे गए तो उन्हें पूर्व तिथि (बैकडेट) में तैयार करने की कोशिश की गई। जांच में पता चला कि सायकोटिक दवाएं सीधे मरीजों को न देकर उनके परिजनों को दी गई। जांच समिति में अपर कलेक्टर, एसडीएम, सीएमएचओ, औषधि निरीक्षक, तहसीलदार और शिकायत शाखा प्रभारी शामिल थे। रिपोर्ट के आधार पर कोतवाली अशोकनगर में मामला दर्ज किया गया है। दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।