जबलपुर (मप्र)। दवा व सर्जिकल खरीद में सवा करोड़ रुपये का मेडिकल घोटाला सामने आया है। मामला शासकीय नेताजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का है। नियमों को ताक पर रखकर दवा व सर्जिकल सामग्री खरीदी गई है। जांच के बाद मेडिकल कॉलेज की तत्कालीन अधीक्षका, फार्मासिस्ट तथा कंपनी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। आरोपियों ने वित्त अधिकारी की अनुशंसा के विपरीत कंपनी से दवा व सर्जिकल सामग्री खरीदा। वहीं, सवा करोड़ का अतिरिक्त भुगतान कर दिया था।

यह है मामला

वर्ष 2011-2012 के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दवा व सर्जिकल सामग्री खरीदने के लिए निविदाएं मांगी गई थी। एल 1 से एल 5 तक के निविदाकारों ने सामग्री प्रदान करने में असहमति व्यक्त की थी। इसके बाद वित्त अधिकारी ने एल 1 से एल 5 तक के निविदाकर्ताओं का सिक्योरिटी डिपॉजिट राजसात कर दिया और नया टेंडर जारी किया। नया टेंडर जारी होने तक एल 6 निविदाकर्ता मेसर्स मेडिनोवा फार्मास्यूटिकल एंड सर्जिकल डिस्ट्रीब्यूटर से दवा एवं सर्जिकल सामग्री खरीदने की परमिशन दी गई थी।

2011 में एल 1 से एल 5 तक के निविदाकर्ताओं की सिक्योरिटी डिपॉजिट को राजसात कर लिया था। फार्मास्टिकल आरोपी दुबे ने 11 जनवरी 2012 को क्रय शाखा का प्रभार संभाला था। उन्होंने वित्त अधिकारी के अभिमत को नहीं माना। साल 2013 तक मेसर्स मेडिनोवा फार्मास्यूटिकल एंड सर्जिकल डिस्ट्रीब्यूटर से दवाएं महंगे दामों पर खरीदी थी।
2009 के प्रावधानों को किया अनदेखा

नये खरीदी के लिए नये टेंडर जारी किये जाने थे। तत्कालीन मेडिकल कॉलेज की अधीक्षक सविता वर्मा ने ठेकेदार कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए अनुबंध में उसकी समाप्ति की तिथि का उल्लेख नहीं किया था। दवा क्रय नीति वर्ष 2009 के प्रावधानों की अनदेखी की गई । ठेकेदार कंपनी को इस दौरान सवा करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया। ईओडब्ल्यू ने तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।