रुडक़ी (उत्तराखंड)। वायरल फीवर चिकनगुनिया की दवा ईजाद कर ली गई है। इसका ट्रायल जल्द ही किया जाएगा। यह दावा आईआईटी रुडक़ी के वैज्ञानिकों ने किया है।

बता दें कि चिकनगुनिया की अब तक कोई दवा नहीं है लेकिन आईआईटी रुडक़ी के वैज्ञानिकों ने इसके लिए दवा की खोज कर ली है। शोधकर्ताओं का कहना है कि एचआईवी की दवा इवाविरेंज से चिकनगुनिया के वायरस को रेप्लीकेट करने से रोका जा सकता है। इस संबंध में जो लैब टेस्ट किए गए हैं, उसमें इसका अच्छा असर देखा गया है। यह स्टडी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के सहयोग से की गई है। शोध के दौरान लैब में जब चिकनगुनिया से पीडि़त चूहे में यह दवा दी गई तो वायरस का लेवल तेजी से कम हो गया।

नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्ने डिजीज कंट्रोल के अनुसार हर साल लाखों लोगों को यह वायरल बीमारी होती है। आज तक इस बीमारी के लिए कोई एंटी-वायरल दवा तैयार नहीं हुई है। अब इस नई खोज से चिकनगुनिया को खत्म करने की नई उम्मीद जगी है।

रिसर्च में यह भी पाया गया कि इवाविरेंज नाम की दवा सिंडबिस वायरस के रेप्लीकेशन को भी रोक देता है। सिंडबिस वायरस भी चिकनगुनिया वायरस के कुल का ही वायरस है। अगर इंसान पर इसका ट्रायल सफल हो गया तो इससे चिकनगुनिया को जल्दी ही खत्म किया जा सकेगा।