नई दिल्ली। दवाइयों पर अब ब्रेल लेबल या ध्वनि-सक्षम क्यूआर कोड दिखाई देंगे। इनमें आई ड्रॉप उत्पाद जल्द ही ब्रेल लेबल, आवाज सहायता से जुड़े क्यूआर कोड उनके पैकेजिंग में हो सकते हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। यह दृष्टिबाधित आबादी के लिए पहुंच में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह है मामला
दृष्टिबाधित मरीज़ों को दवाओं और उनकी समाप्ति तिथियों को पहचानने में दिक्कत होती है। इससे उन्हें सुरक्षित इस्तेमाल के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। इनको दवाओं तक आसान पहुँच सुनिश्चित करने के लिए, ब्रेल लिपि में अतिरिक्त लेबलिंग संबंधी दिशानिर्देश जोड़े गए हैं। अब मोनो कार्टन पैक आकार में दवाओं के लिए शुरुआत में स्वैच्छिक रूप से लागू करने का प्रस्ताव है। यह दवा, एफएमसीजी और सौंदर्य प्रसाधन उद्योगों में सबसे आम पैकेजिंग प्रारूपों में से एक है।
निदेशालय को नेत्रहीन लोगों द्वारा दवाओं की पट्टियों को पढऩे में आने वाली समस्याओं के बारे में प्रस्ताव मिले हैं। भारतीय औषधि महानियंत्रक राजीव सिंह रघुवंशी ने जारी आदेश में कहा कि इन विशिष्ट लोगों को दवाओं का नाम/समाप्ति तिथि जानने में कठिनाई होती है। वे लोग दूसरों पर निर्भर रहते हैं। इस कारण दवाओं पर ब्रेल लिपि में लेबल लगाने का प्रावधान करने का अनुरोध किया है।