नई दिल्ली। डायबिटीज कंट्रोल करने में भारतीय फार्मूले वाली नई दवा को कारगर बताया गया है। भारत में हर्बल और प्राकृतिक इलाजों के क्षेत्र में नए फार्मूले उम्मीद की किरण बनकर आई है।
लखनऊ की तीन प्रमुख प्रयोगशालाओं एनबीआरआई, सीमैप और सीडीआरआई ने मिलकर 13 बड़ी हर्बल दवाएं बनाई हैं। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा डायबिटीज में काम आने वाली दवा बीजीआर-34 की रही है। ब्लड कैंसर और लिवर से जुड़ी बीमारियों के लिए भी नई हर्बल दवाएं सामने आई हैं। बीजीआर-34 दवा एनबीआरआई और सीमैप ने मिलकर छह प्रमुख जड़ी-बूटियों जैसे दारुहरिद्रा, गिलोय, विजयसार, गुड़मार, मंजिष्ठा और मेथी से बनाई है।
सीमैप और सीडीआरआई ने यह रिसर्च की है। बताया गया कि यह दवा ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करती है। यह लंबे समय में डायबिटीज रिवर्सल की दिशा में भी कारगर मानी जा रही है। डॉ. संचित शर्मा ने कहा कि अब दुनिया सिर्फ डायबिटीज कंट्रोल पर नहीं, बल्कि डायबिटीज रिवर्सल पर ध्यान दे रही है। बीजीआर-34 जैसे फार्मूले आयुर्वेद और विज्ञान का बेहतरीन मेल हैं।
आने वाले समय में यह डायबिटीज-मुक्त समाज बनाने में मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही पैक्लिटैक्सेल जैसी दवा भी चर्चा में रही, जो रक्त कैंसर के इलाज के लिए अर्जुन की छाल से बनाई गई है। वहीं पिक्रोलिव दवा फैटी लीवर और लीवर कैंसर जैसी बीमारियों में कारगर मानी जा रही है।