चंबा (हिमाचल प्रदेश)। नशीली दवाएं ऑनलाइन बेचने वाली फार्मा कंपनियों पर शिकंजा कस दिया गया है। डॉक्टर की पर्ची के बिना नशीली दवाइयां बेचने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया है। अब दो दवा कंपनियों ने विभाग को करीब 5,000 उपभोक्ताओं का डाटा सौंपा है।

विभाग इन डाटा की जांच कर यह पहचान करेगा कि बार-बार कौन लोग नशीली दवाइयां मंगवा रहे थे। शुरुआती जांच में यह पता चला है कि ऑनलाइन फार्मा प्लेटफॉर्म्स का अधिक इस्तेमाल युवाओं द्वारा नशा मंगवाने के लिए किया जा रहा था।

संदिग्ध उपभोक्ताओं से पूछताछ की जाएगी। जरूरत पडऩे पर कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। पिछले माह दवा निरीक्षक ने जिले में पार्सल डिलीवर करने वाली कंपनी के स्टोर से सैकड़ों नशीले कैप्सूल बरामद किए थे।
ये दवाएं ऑनलाइन ऑर्डर की गई थीं। इनमें किसी डॉक्टर की पर्ची नहीं थी। स्वास्थ्य विभाग ने सभी ऑनलाइन फार्मा कंपनियों को नोटिस जारी कर उपभोक्ताओं का पूरा रिकॉर्ड मांगा था।

दो कंपनियों से डाटा मिलने के बाद अब विभाग उसकी छानबीन कर रहा है। बाकी दो कंपनियों से जानकारी आने का इंतजार है। अब विभाग यह छानबीन कर रहा है कि इनमें कौन लोग वास्तव में नशीली दवाइयां बार-बार मंगवा रहे थे। इनमें कौन-सा डाटा सामान्य दवाओं का है।

राज्य सहायक दवा नियंत्रक निशांत सरीन ने कहा कि दो कंपनियों ने डाटा दिया है। उसमें नशीली दवा मंगवाने वालों की पहचान की जा रही है। इसके बाद उनसे पूछताछ कर कार्रवाई होगी। नशीली दवाओं का अवैध कारोबार हर हाल में बंद करवाया जाएगा।