दवा दुकानदारों की तीन दिवसीय हड़ताल पहले ही दिन वापस

पटना (बिहार)। राज्य में दवा दुकानदारों ने पहले ही दिन हड़ताल वापस ले ली है। बिहार केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने सरकार से आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया। बता दें कि बिहार में दवा दुकानों की राज्यव्यापी हड़ताल का बुधवार को पहला दिन था। लेकिन हड़ताल खत्म होने के बाद आज से पहले की तरह दवा दुकानें खुल गई हैं। हालांकि, हड़ताल के दौरान भी इमरजेंसी सेवा के तहत अस्पताल परिसर की दवा दुकानें खुली हुई थीं, ताकि गंभीर मरीजों को कोई प्रॉब्लम नहीं हो। बता दें कि दवा दुकानदार फार्मासिस्ट की नियुक्ति में छूट चाहते हैं, जबकि सरकार ने हर दवा दुकान के लिए एक फार्मासिस्ट की नियुक्ति अनिवार्य कर दी है। इसे लेकर एसोसिएशन ने 22 से 24 जनवरी तक दवा दुकानें बंद रखने का निर्णय लिया था। राज्य में सात हजार फार्मासिस्ट हैं, जबकि 40 हजार से अधिक दवा दुकानें हैं।
एसोसिएशन के अध्यक्ष परसन कुमार सिंह एवं महासचिव अमरेंद्र कुमार ने कहा कि दवा दुकानदारों का फार्मासिस्ट के नाम पर शोषण किया जा रहा है। औषधि निरीक्षक दवा दुकानदारों का आर्थिक रूप से दोहन कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग पहले दवा दुकानदारों को लाइसेंस जारी करता है, उसके बाद दोहन करता है। अगर फार्मासिस्ट का अभाव है, तो दवा दुकानों का लाइसेंस कैसे जारी किया जा रहा है और इसके लिए सरकार अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है? सरकार को अन्य राज्यों की तरह दवा दुकानदारों को विशेष कोर्स कराकर दुकान चलाने की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए। एसोसिएशन का कहना है कि सरकार को अन्य राज्यों की तरह दवा दुकानदारों को विशेष कोर्स कराकर दुकान चलाने की अनुमति प्रदान कर सकती है। कई राज्यों में इस तरह की समस्या है, लेकिन अधिसंख्य राज्यों ने इस समस्या का समाधान निकाल लिया है, पर बिहार सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। इधर, एसोसिएशन ने बीती रात बताया कि सरकार ने उनकी समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया है। इस कारण हड़ताल को वापस ले लिया गया है।

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