कोरोना की दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन का उत्पादन हुआ बंद

देहरादून। कच्चे माल की कीमतों में पांच गुणा वृद्धि के चलते उत्तराखंड में स्थित फार्मा कंपनियों ने हाइड्रो क्लोरोक्वीन का उत्पादन बंद कर दिया है। हाइड्रो क्लोरोक्वीन के उत्पादन से जुड़ी फार्मा कंपनियों के अनुसार बीते कुछ दिनों में हाइड्रो क्लोरोक्वीन के कच्चे माल की कीमतों में करीब पांच गुना की वृद्धि हो चुकी है। वहीं, राज्य ड्रग कंट्रोलर ने पूरी परिस्थितियों के बाबत पत्र के जरिए ड्रग कंट्रोलर जनरल को सूचित कर दिया है. पत्र में ड्रग कंट्रोलर जनरल से कच्चे माल की आपूर्ति का भी अनुरोध किया गया है। बीते कुछ दिनों पहले तक हाइड्रो क्लोरोक्वीन की सौ गोलियों के कच्चे माल की कीमत करीब 180 रुपए थी। आज वहीं कीमत 180 रुपए से बढ़ कर 1100 रुपए तक पहुंच गई है। बाजार में कच्चे माल की कमी के चलते कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। रुडक़ी फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलदीन सिंह के अुनसार, केंद्र सरकार ने हाइड्रो क्लोरोक्वीन की एक गोली की कीमत 5.06 रुपए तय की है। कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के चलते इस कीमत पर हाइड्रो क्लोरोक्वीन का उत्पादन करना संभव नहीं है। वहीं, ड्रग कंट्रोलर ताजवर जग्गी ने बताया कि कच्चे माल की आपूर्ति में दिक्कते होने पर ड्रग कंट्रोलर जनरल को पत्र लिखा गया है। हम प्रयास कर रहे हैं कि राज्य में एपीआई की आपूर्ति बनाई जाए। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में हाइड्रो क्लोरोक्वीन का उत्पादन तब बंद हुआ है, जब केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक हाइड्रो क्लोरोक्वीन नामक दवा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं। कोरोना महामारी में हाइड्रो क्लोरोक्वीन नामक दवा की मांग न केवल हमारे देश में हैं बल्कि दुनिया के करीब 30 देश इस दवा के लिए भारत की तरफ देख रहे हैं।

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