पतंजलि की जिस दवा पर लगा था बैन, वो 4 महीनों में तोड़ चुकी है रिकॉर्ड, डाटा हुआ जारी

नई दिल्ली। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि की दवा कोरोनिल के लांच होते ही बवाल मच गया गया था और दवा विवादों में घिर गई थी। पहले कोरोना की दवा और बाद में इम्युनिटी की दवा कह कर रामदेव को सफाई तक देनी पड़ी थी, लेकिन अब इस दवाई ने इतना कारोबार कर लिया है कि बाकि सभी दवाओं को पीछे छोड़ दिया है। दरअसल देश में कोरोना वायरस कहर के बीच योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि की कोरोनिल दवा की मार्केट में काफी मांग रही है। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने कोरोनिल से अच्छी-खासी कमाई भी की है।

पंतजिल ने आंकड़े जारी किए हैं जिसके मुताबिक कंपनी ने महज 4 महीने में 85 लाख से ज्यादा कोरोनिल किट बेची। कंपनी ने कोरोनिल दवा की कुल बिक्री करीब 250 करोड़ रुपए की है। कंपनी के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जून से अक्तूबर के बीच कुल 23.54 लाख कोरोनिल किट बेचे गए। बता दें कि कोरोनिल को कोरोना के इलाज के रूप में 23 जून को लॉन्च किया गया था।

जून से अक्तूबर तक लोग 250 करोड़ रुपए की गोलियां खा गए। यह दवा कोरोना के इलाज में कितनी कारगर है, अभी इसके बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है। बता दें कि कोरोनिल को लेकर पंतजलि विवादों में आ गई थी। कंपनी के क्लिनिकल ट्रायल व इससे जुड़े आंकड़ों को लेकर सवाल खड़े हुए थे।

 

कंपनी ने जब इस दवा को बनाया था तब इसे बनाने की अनुमति खांसी, बुखार और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के रूप में ली थी लेकिन उसके बाद दावा किया जाने लगा कि यह कोरोना की दवा है जिसके चलते उत्तराखंड आयुष विभाग ने पतंजलि को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था और कहा था कि पतंजलि को इम्युनिटी बूस्टर तैयार करने का लाइसेंस दिया गया था, न कि कोरोना दवा बनाने का। इस दवा की कीमत 545 रुपए रखी गई थी। दवा के लॉन्च होने के बाद ही लोगों ने इसे भारी मात्रा में खरीदा था।

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