जायडस कैडिला ने कोरोना की दवा हेपेटाइटिस के लिए मांगी अनुमति

नई दिल्ली। दवा कंपनी जायडस कैडिला ने हेपेटाइटिस की अपनी दवा पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा -2बी (पेगआइएफएन) का कोरोना के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल के लिए भारतीय दवा नियामक (डीसीजीआइ) से अनुमति मांगी है। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। जायडस कैडिला ने एक बयान में कहा कि पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा -2बी के साथ तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में कोरोना के इलाज में आशाजनक नतीजे मिले हैं। कंपनी इस दवा को ‘पेगीहेप’ ब्रांड नेम से बेचती है।

कंपनी ने कहा है कि अंतरिम नतीजों से यह संकेत मिले हैं कि बीमारी की शुरुआत में ही जिन मरीजों को यह दवा दे दी गई, उनकी स्थिति तेजी से सुधरी और बीमारी के आखिरी चरणों में होने वाली तमाम जटिलताओं से वो बच गए। बयान में कहा गया है कि मरीजों के लिए भी इस दवा से इलाज बहुत सुगम और सस्ता होगा, क्योंकि यह एक खुराक की दवा है। इससे नियमों का अनुपालन भी सुनिश्चित होगा।

पेगआइएफएन का वर्षों से हेपेटाइटिस बी और सी के गंभीर मरीजों पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसलिए इसकी सुरक्षा भी पूरी तरह से स्थापित है। ट्रायल के दौरान कोरोना के जिन मरीजों को यह दवा दी गई, उन्हें ऑक्सीजन की भी बहुत कम जरूरत पड़ी। इससे स्पष्ट है कि यह दवा सांस संबंधी परेशानियों को भी नियंत्रित करती है, जो कोरोना के मरीजों में सबसे गंभीर समस्या है।

कंपनी ने कहा है कि तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल देश भर में 20-25 केंद्रों पर 250 मरीजों पर किया गया।मालूम हो कि इससे पहले जनवरी महीने में डीसीजीआइ ने अहमदाबाद स्थित ड्रग फर्म Zydus Cadila को अपने Covid-19 वैक्सीन ZyCoV-D के फेज III का क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने की अनुमति दी थी। फि‍लहाल मौजूदा वक्‍त में कोरोना के खिलाफ लड़ाई का एक बड़ा हथियार वैक्‍सीन है। भारत सरकार ने कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी थी जिससे टीकाकरण का काम चल रहा है।

 

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