सिविल अस्पताल में दवाओं का टोटा, नहीं मिल रही आयरन कैल्शियम की दवा

फरीदाबाद। जिले के सिविल अस्पताल में एक बार फिर दवाओं का टोटा हो गया है। सरकारी अस्पताल में आयरन कैल्शियम की दवा नहीं होने के कारण मरीजों मुख्य रूप से गर्भवतियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते मरीज महंगे दामों पर दवा खरीदने को मजबूर है। दरअसल पीएमओ- डॉ. सविता यादव ने बताया कि कैल्शियम-आयरन जैसी बेसिक दवाएं वेयर हाउस में ही खत्म हैं। डिमांड बनाकर भेजी गई है। लोकल खरीद के लिए इतना फंड नहीं मिलता कि हर दवा खरीदी जा सके।

प्रयास है कि मरीजों को परेशानी न हो। समस्या पता चलने पर हर संभव मदद मरीजों को दी जा रही है। गौरतलब है कि अस्पताल में सामाजिक दूरी की भी धज्जियां उड़ती नजर आई। गर्भवती महिलाएं स्त्री रोग विशेषज्ञ के परामर्श के लिए न केवल लंबी लाइन लगाने को मजबूर दिखी बल्कि अन्य डॉक्टर की जांच के लिए आए मरीजों की भीड़ से भी संक्रमण के खतरे से डरी हुई थी। वहीं, हड्डी रोग विशेषज्ञ को दिखाने के लिए लोग एक दूसरे से लड़ते नजर आए। ऐसे में अस्पताल में कोरोना संक्रमण का भारी खतरा बना हुआ है।

बता दें कि सोमवार को बीके सिविल अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, त्वचा रोग विशेषज्ञ के कक्ष के बाहर मरीजों की भीड़ नजर आई। दवा न मिलने के कारण महिलाएं परेशान रही। इस दौरान अस्पताल में इलाज कराने आई डबुआ निवासी रेणु देवी ने बताया कि वह हड्डी रोग विशेषज्ञ को दिखाने के लिए बीके अस्पताल पहुंची थी। कमर की हड्डी में खिंचाव है।

अक्सर शरीर की हड्डी दर्द करती हैं। ऐसे में डॉक्टर ने कैल्शियम-आयरन विटामिन डी के साथ कुछ अन्य दवाएं लिखी, कोई भी दवा अस्पताल के दवा काउंटर से नहीं मिली। साथ ही काउंटर पर बैठे स्वास्थ्य कर्मी ने बीते पांच माह से कैल्शियम-आयरन की दवा न होने की पुष्टि की। बाहर से दो दिन की दवाएं 500 रुपये में पड़ी।

 

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