दो डॉक्टरों को बाहर से दवा लिखना पड़ा भारी, पर्चे मिलने पर हुई कार्रवाई

उन्नाव। बाहर से दवा लिखना दो डॉक्टरों को भारी पड़ गया। बता दें कि इन डॉक्टरों के खिलाफ करवाई भी की जा रही है। दरअसल डीएम रवींद्र कुमार ने गुरुवार को जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बुखार के मरीजों के इलाज को किए गए प्रबंध को परखा। ओपीडी में आए मरीजों से बात कर दवा मिलने के संबंध में जानकारी ली। एक महिला और एक पुरुष ने बाहर से दवा लिखे जाने का पर्चा दिखाया। इस पर डीएम का पारा हाई हो गया। उन्होंने सीएमएस को दोनों डाक्टरों का स्पष्टीकरण लेकर उन्हें हटाने की कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही डीएम रवींद्र कुमार ने महिला अस्पताल के सिक न्यूबार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू ) का निरीक्षण किया। यहां छह आक्सीजन कंसंट्रेटर लगे थे, डीएम ने छह और कंसंट्रेटर बढ़ाने को कहा।

डीएम ने डेंगू, मलेरिया जैसे रोगों का प्रकोप न फैलने पाए इसके लिए दवा व जांच पर विशेष नजर रखने को कहा। उन्होंने इमरजेंसी और वार्ड में भर्ती बुखार रोगियों के स्वजन से सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली। वहीं बच्चों के वार्ड का एसी खराब मिलने पर डीएम ने सीएमएस को आड़े हाथ लेकर उसे तत्काल ठीक कराने का निर्देश दिया। डीएम ने निरीक्षण में पाया कि अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरा में कई बंद हैं इससे उन्होंने सीएमओ को निर्देश दिया कि वह कैमरा ठीक करवा मानीटरिग कक्ष बनाएं। डीएम ने पोषण केंद्र एनआरसी के प्ले एरिया कक्ष की व्यवस्थाएं संतोषजनक न मिलने पर उसे ठीक कराने को कहा।

डीएम ने सबसे पहले ओपीडी में डॉक्टरों की उपस्थिति देखी, डॉक्टर अपने कक्षों में मौजूद मिले। डीएम ने दवा लेने आए मरीजों से जानकारी ली। इस बीच दवा लेने आई रेखा और अमित ने बताया कि डॉक्टर ने बाहर से दवा लिखी हैं। डीएम ने साथ रहे सीएमएस और वरिष्ठ फिजीशियन से जानकारी ली। जिन डाक्टरों के बाहर से दवा लिखे पर्चे मिले उनमें एक नाक, कान गला विशेषज्ञ हैं और दूसरे सर्जन हैं। डीएम ने सीएमएस डा. पवन कुमार को दोनों डाक्टरों को हटाने की कार्रवाई कराने का निर्देश दिया। अस्पताल में सफाई व्यवस्था में और सुधार करने को कहा। निरीक्षण में सीएमएस महिला अस्पताल डा. अंजू दुबे, डा. धीर सिंह, डा. आलोक पांडेय आदि मौजूद रहे।

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