सात महीने बाद निकला शहडोल कॉलेज में मौत मामले का जिन्न, सीआईडी करेगी जांच

शहडोल : मध्यप्रदेश के शहडोल में कोरोना की दूसरी लहर के बीच 16 मरीजों की मौत और रेमडेसिविर की काला बाजारी का मामला सात महीने बाद एक बार फिर सामने आ गया है. मानवाधिकार आयोग के समक्ष की गई शिकायत के बाद यह मामला बार फिर चर्चा में है.

मानवाधिकार आयोग द्वारा मामले का संज्ञान करने के बाद पुलिस ने पूरी जांच सीआईडी रीवा को सौंप दी है. इस मामले में पुलिस ने 30 बिंदुओं पर कॉलेज प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है. वहीं इस मामले में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कॉलेज प्रशासन ने 15 दिन का समय मांगा है.

मेडिकल कॉलेज से रेमेडिसिविर इंजेक्शन बाजार में सप्लाई की जा रही थी. इस मामले में सिर्फ एक नर्स को आरोपी बनाया गया था, तो वहीं अधिकारियों पर कोई आरोप नहीं लगाया गया था. जानकारी अनुसार नर्स दलालों की मदद से इंजेक्शन को बाजार में बेच देती थी, जो अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं था.

तो वहीं कॉलेज में एक ही रात में आईसीयू में भर्ती 16 मरीजों की मौत हो गई थी, जिसका कारण अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी बताया गया था. लेकिन प्रबंधन और प्रशासन ने इसे सिरे से नकारते हुए सामान्य मौत बताकर पल्ला झाड़ लिया था.

इस दोनों ही मामलों में मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई गई थी. दोनों मामलो को लेकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन जांच के घेरे में घिरता नजर आ रहा है.

मरीजों की मौत और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले में मेडिकल कॉलेज के दो प्रमुख जिम्मेदारों के साथ ही प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी पर गंभीर आरोप लग रहे हैं.

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