वैज्ञानिकों ने पांचवे ब्लड ग्रुप का लगाया पता

ब्लड ग्रुप
ब्लड

आमतौर पर हम से सभी चार ही ब्लड ग्रुपों के बारें में जानते हैं जिनमें A, B, AB और O शामिल हैं। इनको ही पॉजेटिव और निगेटिव समूहों में बांटा गया है। अब वैज्ञानिकों ने पांचवे ब्लड ग्रुप की खोज की है। इस पांचवे ग्रुप को Er ब्लड ग्रुप का नाम दिया गया है। यह 44वां ज्ञात ब्‍लड ग्रुप का प्रकार है।

वैज्ञानिकों के द्वारा खोज की गई इस उपलब्धि को बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। यह खोज उनके लिए किसी ग्रह की खोज से कम नहीं है। इस ग्रुप की खोज को लेकर वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह खोज खून में होने वाली गड़बड़‍ियों का पता लगाने और उनका इलाज करने में मदद करेगी। इससे खून से जुड़ी कुछ जटिल बीमारियों का उपचार करने में भी मदद मिलेगी। नवजात शिशुओं और गर्भ में होने वाली बीमारियों के उपचार में यह खोज बहुत अहम साबित होगी।

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साल 1982 में ही वैज्ञानिकों को Er ब्लड ग्रुप के संकेत मिले थे। लेकिन उस दौर में तकनीकी की कमी के कारण वो इस खोज में आगे नहीं बढ़ पाए। चार दशकों के लंबी मेहनत के बाद आखिरकार ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने इस पांचवे ब्लड ग्रुप की खोज कर ली।

यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिसल का कहना है कि ब्लड के प्रकार को लाल रक्‍त कोशिकाओं पर प्रोटीन की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर तय किया जाता है। कटिंग-एज डीएनए सीक्‍वेंसिंग और जीन एडिटिंग टेक्‍नीक के जरिये यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने Piezo1 नाम के प्रोटीन की पहचान की है। यह Er ब्‍लड टाइप के लिए मार्कर है। Piezo1 सेहत और बीमारी दोनों में अहम भूमिका निभाता है।

बायोकेमिस्‍ट्री में सीनियर रिसर्चर टिम सैचवेल ने इस स्‍टडी को अहम करार दिया है। रिसर्चर ने कहा है कि यह उदाहरण है कि कैसे नई टेक्‍नोलॉजी को ज्‍यादा पारंपरिक तरीकों के साथ कम्‍बाइन किया जा सकता है। इसके जरिये उन सवालों का जवाब तलाशने में मदद मिलेगी जो लंबे समय से पहेली बने हुए हैं। ये ग्रुप उन लोगों के लिए ज्यादा मददगार साबित होगा रेर ब्लड ग्रुप वाले लोग हैं।

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