आयुर्वेद की दवाओं में गड़बड़झाला, 32 दवाओं की बिक्री पर रोक

बांदा (उप्र)। आयुर्वेद की दवाओं में भारी गड़बड़झाला सामने आया है। कुल 10 दवाएं नकली मिली हैं और 22 दवाओं में एलोपैथिक दवाओं की मिलावट पाई गई। इसके चलते उत्तरप्रदेश के आयुर्वेद निदेशक ने इन सभी 32 दवाओं की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

ये दवाएं मिली नकली

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी ने बताया कि प्रदेशभर में 32 दवाओं के उत्पादन, परिवहन एवं बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। विभिन्न जनपदों से लिए गए सैंपल में ज्वाला दाद, रूमो प्रवाही, सुंदरी कल्प सीरप, त्रयोदशांक गुग्गुल, वेदान्तक बटी, एसीन्यूट्रा लिक्विड, आंवला चूर्ण, सुपर सोनिक कैप्सूल, बोस्टा- 400 टेबलेट एवं बायना प्लस कैप्सूल नकली पाए गए हैं।

इन दवाओं में मिली मिलावट

इनके अलावा विश्वास गुड हेल्थ कैप्सूल आयुर्वेदा में बीटा मैथोसीन, पेननिल चूर्ण में आइबोप्रोफेन, एज-फिट चूर्ण में बीटामैथासोन, अर्मत आयुर्वेदिक चूर्ण में प्रेडनिसोलोन, स्लीमेक्स चूर्ण में प्रेडनिसोलोन, दर्द मुक्ति चूर्ण मे डाइक्लोफेनिक, आर्थोनिल चूर्ण में डाइक्लोफेनिक आइबोप्रोफेन, योगी केयर में बीटामैथासोन में मिलावट पाई गई।

इनके अतिरिक्त माइकान गोल्ड कैप्सूल में प्रेडनिसोलोन, डाइबियंट शुकर केयर टैबलेट मे ग्लीम्पैराइड, हाई पावर मूसली कैप्सूल में सिलिडिनाफिल. डाइबियोग केयर में ग्लीम्पैराइड, झंडू लालिमा ब्लड एंड रिकन प्यूरिफायर में फ्लेवरड सीरप बेस आदि की मिलावट मिली है।

वहीं, सिस्टोन सीरप शुगर की मात्रा 40 प्रतिशत से अधिक, लिव-52 में शास्त्रीय औषधि मंडूर भस्म का मिश्रण मिला है।

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