निजी अस्पतालों की अब खैर नहीं!

नई दिल्ली: राजधानी में जिंदा नवजात को मृत घोषित करने की घटना सामने आने के बाद केजरीवाल सरकार ने निजी अस्पतालों की मनमानियों पर लगाम कसने की तैयारी कर ली है। निजी अस्पतालों की खुली लूट और आपराधिक लापरवाही रोकने के लिए दिल्ली सरकार एक कानूनी कार्य ढांचा तैयार करेगी, जिसमें कड़े दंड और जुर्माना का प्रावधान होगा।

निजी स्कूलों पर नियंत्रण करने के सफल प्रयास का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम आम आदमी को निजी अस्पतालों की लूट से भी मुक्ति दिलाने में कामयाब होंगे। कानूनी कार्य ढांचा निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में लाया जाएगा। मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस में डेंटल हेल्थ उत्सव दिल्ली स्माइल को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करने पहुंचे केजरीवाल ने कहा कि एक निजी अस्पताल में डेंगू के मरीज से पंद्रह लाख रुपये वसूलने और जिंदा नवजात को मृत घोषित करने के मामले बेहद गंभीर है। हम दूसरी सरकारों की तरह लीपापोती नहीं करेंगे। लोगों की सेहत और जिंदगी से खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है। उन्होंने कहा कि हम निजी अस्पतालों के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते। लेकिन बीमारों से लूट और धोखाधड़ी होगी तो बर्दाश्त नहीं होगा। अस्पताल आपराधिक लापरवाही के दोषी होंगे तो एक जिम्मेदार सरकार के तौर पर हस्तक्षेप कर दंडित करवाएंगे।

बता दें कि जिंदा नवजात को मृत घोषित करने के मामले में दिल्ली सरकार ने शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल के खिलाफ एक दिसंबर को जांच के आदेश दिए थे। अस्पताल में प्री मेच्योर जुड़वा बच्चों के पैदा होने उपरांत अस्पताल के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। अंतिम संस्कार के लिए ले जाते वक्तइनमें से एक बच्चा जीवित मिला। केजरीवाल ने कहा कि इस तरह के गंभीर अपराध इसे रोकने के लिए वैधानिक कार्यढांचे पर काम करेंगे।

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