फार्मा सेक्टर से दबाव घटने के संकेत

नई दिल्ली। दो साल से भी ज्यादा समय से अंडरपरफॉर्मर रहे फार्मा शेयरों में पिछले एक महीने से ग्रोथ दिख रही है। एक महीने के दौरान जहां मार्केट वोलेटाइल रहा है, निफ्टी पर फार्मा इंडेक्स में 16 फीसदी तेजी है। इस दौरान स्टॉक में 26 फीसदी तक तेजी दिखी। एक्सपट्र्स का कहना है कि इंडियन फार्मास्युटिकल मार्केट में सेकंडरी सेल्स में सस्टेनेबल ग्रोथ रही है, वॉल्यूम हेल्दी बना हुआ है। हालांकि यूएस मार्केट में अभी प्राइसिंग प्रेशर बना हुआ है। लेकिन कंपनियों से जुड़े रेग्युलेटरी इश्यू सॉल्व होने और नई लॉन्चिंग से पॉजिटिव संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में अट्रैक्टिव वैल्युएशन पर चल रहे फार्मा शेयरों में लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
पिछले एक महीने में जहां निफ्टी पर फार्मा इंडेक्स में 16 फीसदी तेजी रही है, वहीं फार्मा शेयरों में 26 फीसदी तक तेजी दिखी। इस दौरान डॉ. रेड्डीज के शेयरों में 26 फीसदी, सनफार्मा में 26 फीसदी, पिराम इंटरप्राइजेज में 5.4 फीसदी, कैडिला में 4.8 फीसदी, अरबिंदो फार्मा में 2.05 फीसदी, ग्लेनमार्क में 13 फीसदी, ल्यूपिन में 22 फीसदी, सिप्ला में 8.26 फीसदी की तेजी रही है। वहीं, डिवाइस लैब में 5.72 फीसदी, बॉयोकॉन में 3.52 फीसदी की गिरावट रही है। मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन फार्मास्युटिकल मार्केट में सेकंडरी सेल्स ग्रोथ मजबूत है। मई में सालाना आधार पर यह ग्रोथ 10.8 फीसदी रही है। वॉल्यूम हेल्दी बना हुआ है। न्यू प्रोडक्ट की लॉन्चिंग से कंपनियों की सेल्स ग्रोथ बेहतर हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन फार्मास्युटिकल मार्केट में पिछले कुछ दिनों से सस्टेनेबल ग्रोथ के संकेत हैं। हालांकि प्राइसिंग प्रेशर अभी भी बना हुआ है और लगातार 12वें महीने कीमतों में गिरावट है। फॉच्र्युन फिस्कल के डायरेक्टर जगदीश ठक्कर का कहना है कि फार्मा सेक्टर पिछले 2 साल से अंडरपरफॉर्मर रहा है। लेकिन रेग्युलेटरी इश्यू धीरे-धीरे सॉल्व हो रहे हैं। अमेरिका, यूरोप और जापान से अब नई दवाओं को मंजूरी मिल रही है। रेग्युलेटरी इश्यू से जुड़ीं जो दिक्कतें हैं, उसे दूर होने में कुछ समय लगेगा, लेकिन सेक्टर का बुरा दौर जल्द खत्म होने की उम्मीद है। जिनका एक्सपोजर इंडियन मार्केट में ज्यादा है, उनमें अभी भी परेशानी नहीं है। जिन कंपनियों का रेवेन्यू यूएस मार्केट से ज्यादा आता है, उनमें जिनका बेस बड़ा है और बिजनेस मॉड्यूल बेहतर है, वे जल्द दबाव से बाहर आएंगी। वहीं, ट्रेडस्विफ्ट ब्रोकिंग के संदीप जैन का भी मानना है कि इंडियन कंपनियां कॉम्पिटीशन को बेहतर ढंग से हैंडल कर सकती हैं।
दिक्कतें समय के साथ दूर हो रही हैं, लंबी अवधि में फार्मा सेक्टर का आउटलुक बेहतर है। यूएस एफडीए से सनफार्मा के हलोल प्लांट को क्लियरेंस मिल जाने से इसके शेयर को लेकर सेंटीमेंट पॉजिटिव बना है। कंपनी की प्रोडक्ट पाइपलाइन मजबूत है। ब्रोकरेज हाउस इक्विटी 99 ने सनफार्मा के शेयर के लिए 650 रुपए का लक्ष्य रखा है। करंट प्राइस 570 रुपए के लिहाज से शेयर में 14 फीसदी रिटर्न मिल सकता है। इसके अलावा, ग्लेनमार्क, अरबिंदो फार्मा और इप्का लैब में भी निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
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