नई दिल्ली। किडनी रैकेट में नया खुलासा हुआ है। इस खुलासे में छोटे अस्पतालों के साथ गठजोड़ और पैसों का लेनदेन सामने आया है।

गौरतलब है कि जून माह में दिल्ली पुलिस ने राजधानी और नोएडा में किडनी रैकेट प्रत्यारोपण के गढ़बड़झाले का भंडाफोड़ किया थ। इस दौरान दिल्ली के एक चिकित्सक समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था। इनमें मुख्य आरोपी रसेल की निशानदेही पर अब नया खुलासा हुआ है। पुलिस के अनुसार दक्षिण पूर्वी दिल्ली के शाहीन बाग में अल शिफा हेल्थकेयर सर्विसेज का पहली मंजिल पर कार्यालय है।

पूछताछ में पता चला है कि इसके दरवाजे एक महीने से अधिक समय से बंद हैं। दरअसल, इस कार्यालय में दुभाषिया के रूप में काम करने वाला एक बांग्लादेशी नागरिक रसेल अब कथित किडनी प्रत्यारोपण रैकेट में मुख्य आरोपी है। उसे जांच में सामने आया कि दिल्ली-ढाका किडनी प्रत्यारोपण रैकेट करीब तीन वर्षों से फल-फूल रहा था। पुलिस जांच में आरोपी रसेल का नाम सामने आया। रिकॉर्ड में अन्य संस्थाओं के नाम भी जुड़े पाए गए।

अल शिफा ने दिल्ली में इंद्रप्रस्थ अपोलो और नोएडा में अपोलो अस्पताल के लिए मार्केटिंग पार्टनर के रूप में काम किया। ये अपोलो समूह का हिस्सा है, जिससे मरीजों की संख्या बढ़ाने में मदद मिली। लेकिन उसका इन अस्पतालों के साथ कोई औपचारिक समझौता नहीं था। इसके बजाय, अल शिफ़ा ने हैदराबाद स्थित मेडिजर्न सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (एमएसपीएल) के साथ एक कानूनी समझौता किया था।

दोनों अस्पतालों की एक विस्तारित व्यवसाय विकास शाखा है। यह स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने और बिक्री बढ़ाने में संलग्न है। रिकॉर्ड बताते हैं कि स्वास्थ्य सुविधा प्रदाताओं का भुगतान, अल शिफ़ा को कमीशन के रूप में एमएसपीएल के माध्यम से किया गया था।