बहराइच (उत्तर प्रदेश)। महिला अस्पताल में पुरुष परिजनों के लिए नया नियम बना दिया गया है। इसके तहत अब महिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पुरुष परिजन अंदर नहीं जा सकेंगे। मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल का कहना है कि अस्पताल में पुरुषों के प्रवेश से कई तरह की समस्याएं आ रही थी।
इससे महिलाओं की प्राइवेसी का भी हनन हो रहा था और कई बार लड़ाई-झगड़ा की भी नौबत आ जराती थी। इसे देखते हुए अब बहराइच के महिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रात 8 बजे से सुबह 7 बजे तक पुरुषों का प्रवेश वर्जित रहेगा।
गौरतलब है कि अक्सर महिला पेसेंट के साथ कई पुरुष परिजन और रिश्तेदार रहते हैं। इससे अन्य महिला मरीज और उनके साथ आई हुई महिला परिजनों और रिश्तेदारों को दिक्कत का सामना करना पड़ता था। अब महिलाओं को इस दिक्कत से छुटकारा मिल गया है। इसके साथ ही गुटखा खा कर इधर-उधर थूकने पर फैलने वाली गन्दगी और इन्फेक्शन से भी लोगों को राहत मिलेगी।
उधर, महिला मरीजों के परिजनों और रिश्तेदारों का कहना कि कई बार महिला पेसेंट के साथ कोई महिला साथ नही होती है। ऐसे में साथ रहने वाले पुरुष परिजन या रिश्तेदार को जब बाहर कर दिया जाता है तो पेसेंट की देखरेख कौन करेगा। जिसको लेकर मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल ने सभी स्टाफ को सख्त आदेश देते हुए हिदायत दी है अगर कोई पेसेंट ऐसा आता है तो उस पेसेंट का विशेष ध्यान रखा जाए।
इसमें कोताही बरतने वाले स्टाफ के ऊपर कड़ी कार्यवाही की जा सकती है। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल प्रिंसिपल संजय खत्री ने बताया कि कोलकाता कांड के बाद अब शासन के नियमानुसार आगामी दिनों में पेशेंट को पास के जरिए ही अस्पताल में एंट्री मिलेगी।