लखनऊ। डॉक्टर के बिना ही ज्यादातर निजी अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है। यह खुलासा सीएमओ की टीम ने राजधानी में अस्पतालों की जांच के दौरान किया है। टीम ने पांच निजी अस्पतालों पर छापा मारा तो केवल एक में डॉक्टर मिला। मरीजों का इलाज स्टाफ कर रहा था।
यह है मामला
नर्सिंग होम के नोडल अधिकारी डॉ. एपी सिंह व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. केडी मिश्रा ने ठाकुरगंज इलाके के द यूनिक हॉस्पिटल, बालागंज अस्पताल, स्टार हॉस्पिटल, मेडलाइफ हॉस्पिटल व ऑक्सीजन हॉस्पिटल में छापा मारा। बालागंज अस्पताल को छोडक़र किसी में भी पूर्णकालिक चिकित्सक नहीं मिला। हॉस्पिटल में बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की उचित व्यवस्था भी नहीं थी। टीम ने पांचों अस्पतालों को नोटिस जारी किया है।
यूनिक हॉस्पिटल में डेंगू मरीजों के इलाज में लापरवाही मिली। डेंगू के इलाज के लिए तय प्रोटोकॉल का यहां उल्लंघन हो रहा था। बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्था भी ठीक नहीं थी। वहीं, बालागंज अस्पताल में मरीजों के अभिलेख अधूरे थे। फार्मेसी पर कोई भी पंजीकृत फार्मासिस्ट मौजूद नहीं था। स्टार हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के इलाज के लिए कोई भी डॉक्टर नहीं मिला। जीएनएम की प्रशिक्षु मरीजों का इलाज कर रही थी।
उधर, मेडलाइफ हॉस्पिटल में एमबीबीएस डॉक्टर नहीं था। एचआईवी पॉजिटिव मरीज के जैव अपशिष्ट के निस्तारण की व्यवस्था मानकविहीन मिली। इसके अतिरिक्त, ऑक्सीजन हॉस्पिटल में कोई पूर्णकालिक डॉक्टर नहीं था। रैंप अत्यंत फिसलनयुक्त था जिसमें सुधार की जरूरत है। नर्सिंग होम के नोडल अधिकारी डॉ. एपी सिंह के मुताबिक, एक अस्पताल को छोडक़र कहीं पर कुशल डॉक्टर नहीं मिले। कई अन्य खामियां भी मिलीं। पांचों अस्पतालों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। जवाब नहीं मिलने पर इनके संचालन पर रोक लगाई जाएगी।