लखनऊ (उप्र)। निजी अस्पतालों में मनमाने दाम पर दवाएं अब नहीं बेच सकेंगे। नगर के निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में दवाओं की मनमानी कीमत पर बिक्री की शिकायतें मिली थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इनके जांच के आदेश दिए हैं। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर इस मुद्दे को उठाया था। इसमें निजी ब्रांड की दवाओं को अधिक दाम पर बेचने की बात कही गई थी।

यह है मामला

प्रदेश के निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम की फार्मेसी में मनमाने दाम पर दवा बेचने का मामला सामने आया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार अवधेश कुमार चौधरी को उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन के महासचिव सुरेश गुप्ता ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखा था। नर्सिंग होम/निजी अस्पतालों में मोनोपोली ब्रांड की दवाओं को मनमाने दाम पर बेचने की जानकारी दी थी। नर्सिंग होम/निजी अस्पताल अपने निजी ब्रांड की दवाएं बनाकर मरीजों को अधिक दाम पर लेने के लिए मजबूर करते हैं। यहां तक कि कई दवाएं निजी अस्पतालों और डाक्टरों के लिए उनके ब्रांड के नाम से बनाई जाती हैं। इन दवाओं को ही मरीजों को इलाज के लिए मनमाने दाम पर दिया जाता है।

इन विशेष ब्रांड की दवाएं बाहरी फार्मेसियों में उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में मरीजों को इनके दवाखाने से मनमाने दामों पर दवाएं खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है। डॉ. संजय लखटकिया, अध्यक्ष, लखनऊ नर्सिंग होम एसोसिएशन ने कहा कि मरीजों का शोषण किसी भी तरह किया जाना गलत है। गुणवत्ता वाली दवाएं मरीजों का अधिकार है। इसमें किसी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए। नर्सिंग होम एसोसिएशन सरकार के साथ है।