अहमदाबाद (गुजरात)। प्रीगैबलिन के अवैध निर्माण में शामिल रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्रशासन (एफडीसीए) ने जांच में पाया कि अहमदाबाद स्थित एस्टीम एंटरप्राइज बिना जरूरी लाइसेंस के प्रीगैबलिन बेच रहा था। अधिकारियों ने यहां से लगभग 4,300 किलोग्राम दवा की बिक्री के सबूत बरामद किए। इनकी कीमत करीब 85 लाख रुपये बताई गई है। जांच में दो और फर्में अंकलेश्वर में एक्सिस फार्माकेम और पनोली में आइकॉनिक फार्माकेम के नाम सामने आए हैं।

यह है मामला

बता दें कि प्रीगैबलिन एक महत्वपूर्ण सक्रिय औषधीय घटक (एपीआई) है जिसका इस्तेमाल तंत्रिका दर्द, मिर्गी और चिंता विकारों के इलाज में किया जाता है। एफडीसीए आयुक्त एचजी कोशिया ने कहा कि आइकॉनिक फार्माकेम बिना किसी दवा निर्माण लाइसेंस के अवैध रूप से प्रीगैबलिन का निर्माण कर रहा था, जबकि एक्सिस फार्माकेम कथित तौर पर लाइसेंस का दुरुपयोग करके और उचित दस्तावेज के बिना कमीशन एकत्र करके इन बिक्री को सक्षम कर रहा था।

आइकॉनिक फार्माकेम से 21.5 लाख रुपये मूल्य का लगभग 1,000 किलोग्राम प्रीगैबलिन जब्त किया गया। इसके अतिरिक्त, भरूच में एस्टीम एंटरप्राइज की शाखा बिना वैध लाइसेंस के काम करती मिली तथा अनधिकृत परीक्षण रिपोर्ट जारी करती पाई गई, जहां से 35 किलोग्राम एपीआई जब्त किया गया।

इस मामले में जांच के दायरे में आने वालों में एस्टीम एंटरप्राइज के निमेश शाह और हरीश अश्विन जोशी, एक्सिस फार्माकेम के प्रवीण पटेल, आइकॉनिक फार्माकेम के भावेश चालोदिया और बायोक्रोम एनालिटिकल लैब के ललित रैयानी शामिल हैं। लैब के पास उचित लाइसेंस और कानूनी मंजूरी दोनों नहीं थी और कथित तौर पर वह व्हाट्सएप से दवा परीक्षण रिपोर्ट जारी कर रही थी।