गोरखपुर। बंद मेडिकल स्टोर पर रेड की गई है। इस दुकान से चार करोड़ की नशीली दवा बेचे जाने का मामला सामने आया है। भालोटिया मार्केट में बंद हो चुकी दवा की थोक दुकान अंबर फार्मा के लाइसेंस पर नारकोटिक्स ग्रुप की चार करोड़ से ज्यादा की दवाओं की बिक्री हुई है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने पशुपति दवा बाजार में रेड की तो दुकान का कोई अस्तित्व ही नहीं मिला।
टीम ने अंबर फार्मा के प्रोपराइट अंबर गुप्ता के पिता अरुण गुप्ता से पूछताछ की। अरुण गुप्ता की गुप्ता मेडिकल एजेंसी के नाम से पशुपति दवा बाजार में दुकान है। बातचीत के दौरान टीम के साथ उनका विवाद भी हुआ। टीम ने समन देकर अंबर गुप्ता को एक नवंबर को लखनऊ बुलाया है।
छह महीने पहले बंद की थी दुकान
अंबर गुप्ता ने तकरीबन छह महीने पहले दुकान बंद कर दी। वह अपने ससुराल सुल्तानपुर चला गया। इस बीच दुकान का लाइसेंस नवीनीकृत करा दिया गया। दुकान बंद होने के बाद भी वह लाइसेंस पर खरीद और बिक्री करता रहा। ज्यादातर दवाएं नारकोटिक्स ग्रुप की ही खरीदी गई हैं। इन दवाओं का इस्तेमाल मानसिक रोगों में किया जाता है लेकिन कई लोग इनका इस्तेमाल नशे के रूप में करते हैं।
अप्रैल में लखनऊ में नारकोटिक्स ग्रुप की दवाओं के संबंध में एफआइआर दर्ज कराई थी। आरोपियों में आगरा व कानपुर के कुछ दवा व्यापारी शामिल हैं। इन व्यापारियों से पूछताछ में पता चला कि अंबर फार्मा ने भी दवाएं खरीदी हैं।