सोनीपत (हरियाणा)। मेडिसिन के रैपर पिघलाकर एल्युमीनियम निकालने वाली 5 फैक्टरियों पर छापेमारी की गई है। इन सभी अवैध फैक्ट्री को बंद करवा दिया गया है। यह कार्रवाई प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) की टीम ने गांव फिरोजपुर बांगर स्थित औद्योगिक क्षेत्र में की। टीम ने कार्रवाई करते हुए फैक्टरियां ध्वस्त करा दी। क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप सिंह ने कहा कि जल्द कारण बताओ नोटिस जारी कर फैक्टरियां हटाई जाएंगी।

यह है मामला

सहायक पर्यावरण अभियंता अनिल कुमार के नेतृत्व में टीम ने फिरोजपुर बांगर स्थित औद्योगिक क्षेत्र में निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने 5 फैक्टरियों में दवाओं के रेपर पिघलाकर उनसे एल्युमिनियम निकालने का कार्य होते पाया। फैक्टरियों में एल्युमिनियम धातु के स्कै्रप को पिघलाकर उनके स्लैब बनाए जा रहे थे। कार्रवाई के दौरान फैक्टरियों में चल रही फैक्टरियों को मौके पर ध्वस्त कराया। जांच के दौरान कोई भी फैक्टरी संचालक अपनी फैक्टरी चलाने के लिए लाइसेंस नहीं दिखा सका। किसानों से जमीनों को किराये पर लेकर फैक्टरियां चलाई जा रही थी। जिसके चलते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने यह कार्रवाई की।

बता दें कि इससे पहले टीम ने 4 नवंबर को भी छापे डालकर 8 फैक्टरियों को बंद कराया गया था। सामुदायिक केंद्र बढख़ालसा की वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनविता कौशिक ने बताया कि दवाओं के रेपर जलाने से निकलने वाले प्रदूषण का शरीर पर बुरा असर पड़ता है। रेपर जलाने से हाइड्रोकार्बन निकलता है जोकि स्वास्थ्य के लिए घातक है। हाइड्रोकार्बन की वजह से दमा व एलर्जी होने की आशंका होती है। दवाओं के रेपर जलाना वायु प्रदूषण की श्रेणी में आता है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप सिंह ने बताया कि दवाओं के पर पिघलाकर चलाई जा रही एल्युमिनियम के स्लैब बनाने को अवैध रूप से चल रही 5 फैक्टरियों को बंद कराया है। साथ ही फैक्टरियों के अंदर फैक्टरियों को ध्वस्त कराया गया है। वहीं, टीम ने कूड़ा जलाने पर एचएचएआई को 25 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है।