कुशीनगर (उप्र)। प्रसूता की मौत केस में अस्पताल संचालक पर कार्रवाई की सिफारिश की है। रामकोला के गीतांजलि हॉस्पिटल में जुड़वा बच्चों के जन्म के बाद प्रसूता की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मौत के लिए जिम्मेदार लोगों की पोल खोल दी है।
पीडि़त पक्ष ने सीएमओ कार्यालय पहुंचकर सभी साक्ष्य शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत किए। जांच के बाद टीम ने अस्पताल संचालक, इंचार्ज, ऑनकाल आकर ऑपरेशन करने वाले सर्जन और आशा के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है। इसके लिए अपनी जांच रिपोर्ट डीएम को भेज दी है। माना जा रहा है कि इस मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
यह है मामला
सोहरौना गांव निवासी महेंद्र की पत्नी पूनम को प्रसव पीड़ा होने पर मेडिकल कॉलेज में लाया गया। उसकी हालत गंभीर बताकर लौटा दिया गया। कहा गया है कि अस्पताल के पास सक्रिय दलालों और आशा के झांसे में आकर उसे रामकोला कस्बे में गीतांजलि हॉस्पिटल में ले गए। वहां रात में महिला का ऑपरेशन कर दिया गया। महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। अगले दिन दोपहर में प्रसूता की मौत हो गई। इस मामले में पूनम के देवर की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया।
घटना संज्ञान में आने पर सीएमओ डॉ. चंद्र प्रकाश ने तीन सदस्यीय टीम गठित की। टीम ने अस्पताल पहुंचकर नोटिस चस्पा किया था। इसमें निर्देश दिया था कि जांच पूरी होने तक अस्पताल में किसी प्रकार की चिकित्सकीय गतिविधि नहीं की जाएगी। टीम ने मृतका के घर पहुंचकर परिजनों का बयान लिया था। इसके बाद अस्पताल पहुंचकर संबंधित लोगों का बयान दर्ज किया।
जांच में अस्पताल में क्लीनिकल एक्ट का पूरी तरह उल्लंघन पाया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि ऑपरेशन में भरपूर खामी मिली है। ऑपरेशन के बाद टांके में लीक के चलते महिला के पेट में खून का थक्का जमा हुआ था। अत्यधिक रक्तस्राव से उसकी मौत हुई थी। इसलिए अस्पताल संचालक अरविंद शर्मा, इंचार्ज डॉ. मीरा शर्मा, सर्जन डॉ. विकास मंडलोई और आशा मजहरुल नेशा के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। रिपोर्ट डीएम को प्रेषित कर दी गई है।










