गोवा। कैंसर और दुर्लभ रोगों के महंगे उपचारों की कीमतों में कटौती कर दी गई है। यह कवायद मरीजों के लिए जीवन रक्षक उपचारों को अधिक सुलभ बनाने की है। गोवा सरकार ने इसके लिए अभूतपूर्व मूल्य निर्धारण नीति शुरू की है। इससे राज्य को सूचीबद्ध दरों से कम कीमत पर दवाइयां, चिकित्सा उपकरण खरीदने की सुविधा मिलती है। इससे संसाधनों को अधिक संख्या में रोगियों तक पहुंचने और उपचार की अवधि बढ़ाने में मदद मिलती है। स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने इसकी घोषणा की।

गोवा देश का पहला राज्य है जिसने ऐसी नीतिगत रूपरेखा लागू की है। यह दवा कंपनियों और चिकित्सा उपकरण निर्माताओं के साथ गोपनीय मूल्य निर्धारण समझौता है। इस पहल की शुरुआत फेफड़ों के कैंसर के इलाज से होने की उम्मीद है। यह कई महंगी चिकित्सा पद्धतियों में से एक है। इसकी कीमत प्रति वर्ष 50 लाख रुपये से भी ज़्यादा हो सकती है। यह पहल स्वास्थ्य समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि ज़्यादा मरीज़ों को गहन चिकित्सा सुविधा मिल सके। इससे ज़्यादा मरीज़ों को इन उपचारों का लाभ मिल सकेगा।