फरीदकोट (पंजाब)। हीमोफीलिया रोधी दवा के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), पंजाब ने सभी सिविल और जिला अस्पतालों के साथ-साथ सरकारी मेडिकल कॉलेजों को निर्देश दिया है। कहा है कि वे आईसीएचओआर बायोलॉजिक्स की दवा हीमोफीलिया रोधी फैक्टर IX (600 आईयू) सांद्र के सभी बैचों को तुरंत निलंबित करें।
इस दवा से कुछ रोगियों में प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की रिपोर्ट के बाद यह दवा बनाई गई है। यह सांद्र एक महत्वपूर्ण रक्त व्युत्पन्न है। इसका उपयोग हीमोफीलिया बी के रोगियों में रक्तस्राव के उपचार और रोकथाम में किया जाता है। हीमोफीलिया बी एक वंशानुगत रक्तस्राव विकार है। यह रक्त के थक्के जमने के लिए आवश्यक प्रोटीन, फैक्टर IX की कमी के कारण होता है।
यह दवा लुप्त थक्के कारक की पूर्ति करके काम करती है। इससे सामान्य रक्त जमावट संभव होती है और लंबे समय तक रक्तस्राव का जोखिम कम होता है। पंजाब में लगभग 550 पंजीकृत हीमोफीलिया रोगी हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह राज्य के कुल मामलों का केवल 7.4 प्रतिशत है। इससे पता चलता है कि इस विकार से प्रभावित लोगों की वास्तविक संख्या काफी अधिक हो सकती है।










