नई दिल्ली। कोरोना को मात देने के लिए सबसे बड़ा हथियार यानि कि कोरोना वैक्सीन देश में आ चुकी है। साथ ही आज देश के अलग -अलग राज्यों ने वैक्सीन स्वस्थ कर्मियों को लगाई जा रही है। बताना लाजमी है कि एक तरफ कई लोग कोरोना वैक्सीन पर सवाल भी उठा रहे है साथ ही जनता में मन में भय भी पैदा कर रहे है। गौरतलब है कि देशभर में आज से कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू हो गया है।

इस बीच दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को पत्र लिखकर ‘कोवैक्सीन’ के बजाय ‘कोविशील्ड’ का टीका लगाने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि हम आरडीए आरएमएल अस्पताल के वर्तमान सदस्य हैं। हमें पता चला है कि आज अस्पताल द्वारा कोविड-19 टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। हमारे अस्पताल में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित COVISHIELD के बजाय भारत बायोटेक द्वारा निर्मित COVAXIN का टीका लगाया जा रहा है।

गौरतलब है कि दिल्ली में आज 81 स्थानों कोविड-19 वैक्सीनेशन का काम जारी है। दिल्ली में 75 केन्द्रों पर ‘कोविशील्ड’ (Covishield) जबकि छह स्थानों पर ‘कोवैक्सीन’ (Covaxin) के टीके लगाए जा रहे हैं। इन स्थानों को सरकारी तथा निजी अस्पतालों में विभाजित किया गया है। इनमें केन्द्र सरकार के छह अस्पताल एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, कलावती सरन बाल अस्पताल तथा दो ईएसआई अस्पताल शामिल हैं।

इसके अलावा शेष 75 केन्द्रों में सभी 11 जिलों में स्थित दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पताल भी शामिल हैं जैसे एलएनजेपी अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, डीडीयू अस्पताल, बीएसए अस्पताल, दिल्ली राजकीय कैंसर संस्थान, आईएलबीएस अस्पताल इत्यादि। इनमें मैक्स, फोर्टिस, अपोलो, और सर गंगाराम अस्पताल भी शामिल हैं। हालांकि अभी यह पता नहीं चल सका है किया कि वे छह स्थान कौन से हैं, जहां भारत बायोटेक द्वारा विकसित किया गया टीका ‘कोवैक्सीन’ लगाया जा रहा है।

बतादें कि रेजिडेंट डॉक्टर्स COVAXIN के मामले में पूर्ण परीक्षण की कमी के बारे में थोड़ा आशंकित हैं और भारी संख्या में टीकाकरण में भाग नहीं ले सकते हैं। इस प्रकार टीकाकरण का उद्देश्य कामयाब नहीं हो पाएगा। हम आपसे COVISHIELD वैक्सीन के साथ टीकाकरण करने का अनुरोध करते हैं, जिसने टीकाकरण से पहले ट्रायल के सभी चरणों को पूरा किया है।