बीबीएन (हप्र)। हृदय रोग और मधुमेह समेत 131 दवाओं के सैंपल जांच में फेल पाए गए हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने मार्च माह के लिए जारी ड्रग अलर्ट में यह जानकारी दी। गुणवत्ता जांच में फेल पाई गई दवाओं के सैंपल देशभर में लिए गए थे। इनमें अकेले हिमाचल प्रदेश में निर्मित 38 दवाएं शामिल हैं। इनके अलावा, पाकिस्तान और चीन से आयातित कुछ ब्यूटी प्रोडक्ट्स के सैंपल भी फेल पाए गए हैं। इनमें पारा (मरकरी) जैसे खतरनाक रसायन की मौजूदगी मिली है।

ये दवाएं मिली फेल

जो दवाएं गुणवत्ता जांच में फेल मिली हैं, उनमें हृदय रोग, मधुमेह, जोड़ों का दर्द, विटामिन-आयरन सप्लीमेंट्स, जीवाणु संक्रमण, एलर्जी, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, दर्द निवारक, किडनी और एंटीबायोटिक्स शामिल हैं। अधिकतर दवाओं में या तो सक्रिय तत्वों की मात्रा निर्धारित मानकों से कम या अधिक पाई गई या फिर उनमें धूल व अन्य अशुद्धियां मौजूद थीं। कुछ मामलों में लेबलिंग की गलतियां (मिसब्रांडिंग) और नकलीपन की पुष्टि भी हुई है।

हिमाचल के बीबीएन (बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़) औद्योगिक क्षेत्र में स्थित फार्मा कंपनियों की 19 दवाएं जांच में फेल मिली हैं। इसके अलावा सिरमौर जिला केपांवटा साहिब की नौ दवाए, सोलन के चंबाघाट और परवाणूए ऊना के मैहतपुर और सिरमौर के कालाअंब क्षेत्र की एक-एक दवा समेत कुल 38 दवाओं के सैंपल गुणवत्ता में खामी के चलते फेल हुए हैं।
इनमें कई ऐसी इकाइयां हैं जिनकी दो से अधिक दवाएं लगातार मानकों पर खरी नहीं उतर रही हैं। ड्रग अलर्ट रिपोर्ट के अनुसारए 131 फेल दवाओं में से 51 सीडीएससीओ और 84 राज्य स्तरीय जांच में पकड़ी गई हैं। हिमाचल की 38 दवाओं के अलावा, गुजरातए उत्तराखंड, पंजाब, बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पूर्वोत्तर राज्यों की दवाएं भी गुणवत्ता जांच में फेल हुई हैं।

सीडीएससीओ की ओर से जारी एक अन्य अलर्ट में तीन विदेशी कॉस्मेटिक उत्पादों के सैंपल भी फेल हुए हैं। इनमें पाकिस्तान की बनी डे एंड नाइट ब्यूटी क्रीम और सैंडल ब्यूटी क्रीम तथा चीन की टॉपअप मेट सुपर लाइट लिक्विड लिपस्टिक शामिल हैं। इन सभी उत्पादों में पारा की खतरनाक मात्रा पाई गई। राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि ड्रग अलर्ट में शामिल फार्मा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी दिए और दवाओं को बाजार से वापस मंगवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।