जयपुर। राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में जांचों को लेकर डॉक्टर्स और लैब टेक्नीशियन में एक दिन पहले हुई भिड़ंत के बाद मंगलवार से कोरोना जांच का कार्य अटक गया है। दोनों पक्षों में पिछले काफी समय से जांचों में लापरवाही को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा थ। मामला तब बिगड़ा जब दोनों पक्षों की ओर से उग्रता हुई और वे आपस में भिड़ गए। लैब टेक्नीशियन रमेश कुमावत पर डॉ. दिनेश जैन के साथ मारपीट करने का आरोप लगा। इस पर सरकार ने एक्शन लेते हुए लैब टेक्नीशियन रमेश कुमावत को निलम्बित कर दिया। उसके बाद मंगलवार को कुमावत के निलंबन का विरोध करते हुए लैब टेक्नीशियन काम छोड़कर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी के कक्ष के बाहर पोर्च में धरने पर बैठ गए हैं।
राज्य सरकार कोरोना संकट के बीच इस झगड़े को लेकर पशोपेश में है. राजस्थान लैब टेक्नीशियन संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने बताया कि इस मामले को लेकर कल चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा से बात करने की भी कोशिश की गई, लेकिन उनकी व्यस्तता के चलते बात नहीं हो पाई। अब लैब टेक्नीशियन निलम्बित लैब टेक्नीशियन को बहाल करने और मंत्री डॉ. रघु शर्मा से वार्ता के लिए अड़े हुए हैं। प्रदेश में कोरोना वायरस की जांच का कार्य सर्वाधिक रूप से एसएमएस अस्पताल में ही होता है। यहां प्रतिदिन 2 हजार से ज्यादा सेम्पल्स की जांच होती है। कार्य बहिष्कार के चलते लैब टेक्नीशियन मंगलवार को सुबह से ही काम पर नहीं आए हैं और मेडिकल कॉलेज पोर्च में धरने पर बैठे हैं. मेडिकल कॉलेज प्राचार्य का दावा है कि इससे काम प्रभावित नहीं हुआ है। बकौल प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी एसएमएस की लैब में COVID-19 जांच का काम शुरू हो गया है। जबकि मेडिकल एंड हेल्थ विभाग के लैब टेक्नीशियन कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. इस मसले को लेकर डॉ. भण्डारी के अध्यक्षता में सोमवार को देर रात तक लैब टेक्नीशियन को समझाइश का प्रयास किया गया था, लेकिन वार्ता बेनतीजा रही थी।