जयपुर (राजस्थान)। एसएमएस अस्पताल ने ब्लड सेफ्टी प्रक्रियाओं में बदलाव किया है। यह कदम फरवरी 2024 मे गलत रक्त आधान के कारण हुई मौत के मद्देनजर उठाया गया। ,
बहुस्तरीय सत्यापन प्रणाली शुरू
इम्यूनोहेमेटोलॉजी और ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन (आईएचटीएम) विभाग ने रोगी सुरक्षा को बढ़ाने के लिए बहुस्तरीय सत्यापन प्रणाली शुरू की है। अब सभी मरीजों के लिए भर्ती होने के समय रक्त की टाइपिंग अनिवार्य है।
गौरतलब है कि धनवंतरी ओपीडी ब्लॉक के कमरा नंबर 302 में विभाग एक वरिष्ठ रेजिडेंट और दो तकनीशियनों के साथ काम करता है। ये सैंपल को संसाधित करने के लिए स्वचालित तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। निर्बाध डेटा एक्सेस सुनिश्चित करने के लिए परिणाम राज्य सरकार के पोर्टल पर दर्ज किए जाते हैं।
इस प्रक्रिया में दोहरा सत्यापन होता है।। मरीज के प्रवेश के समय प्रारंभिक रक्त टाइपिंग के साथ-साथ, क्रॉसमैचिंग से पहले रक्त केंद्र में दूसरे सैंपल का परीक्षण किया जाता है। इससे रक्तदाता और प्राप्तकर्ता रक्त के बीच पूर्ण संगतता तय होती है।