जयपुर (राजस्थान)। खून की तस्करी के मामले का भंडाफोड़ हुआ है। दान में मिले खून को बेचने जा रहे तीन तस्करों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है।

गौरतलब है कि रक्तदान को महादान मानकर लोग रक्तदान शिविरों में शामिल होते हैं, लेकिन शर्मसार करने वाला खून का काला कारोबार सामने आया है। पुलिस ने खून की तस्करी के मामले में मकराना ब्लड सेंटर के टेक्निकल सुपरवाइजर मो. जाबिर, मो. आमीन, चालक श्रवण सिंह को गिरफ्तार किया है।

इनके कब्जे से 255 यूनिट रक्त जब्त किया है। पुलिस के अनुसार आरोपी कार में 7 कर्टन भर रक्त के बैग बेचने के लिए सवाईमाधोपुर ले जा रहे थे। औषधि नियंत्रण संगठन की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि मकराना में पूर्व विधायक रूपाराम मुरावतिया के छोटे भाई की स्मृति में 25-26 जनवरी को रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। शिविर में कुल 2765 यूनिट रक्त एकत्र हुआ। इसमें से 255 यूनिट की तस्करी की जा रही थी।

रक्त को स्टोरेज मापदंड के बिना मकराना ब्लड सेंटर से सवाईमाधोपुर के महादेवी ब्लड सेंटर के लिए भेजा जा रहा था। नियमानुसार एक यूनिट में 450 मिलीलीटर ब्लड का स्टोरेज होता है, लेकिन इसमें अधिक यूनिट पाई गई है। ब्लड के साथ मकराना ब्लड सेंटर का तकनीशियन था। उसके पास कोई दस्तावेज नहीं थे। बरामद किए रक्त को सुरक्षित जयपुरिया अस्पताल के ब्लड बैंक में रखवाया गया है। मकराना ब्लड सेंटर और सवाईमाधोपुर के ब्लड बैंक के भी निरीक्षण करवाए गए। जहां गंभीर अनियमितताएं मिली हैं। इसके चलते मकराना ब्लड सेंटर को नोटिस देकर वहां के ब्लड को सरकारी ब्लड सेंटर में ट्रांसफर करने के निर्देश दिए गए हैं।

खून की तस्करी

पुलिस को सूचना मिली थी कि रक्तदान शिविर में एकत्र रक्त को कार से अवैध रूप से बेचने ले जाया जा रहा है। इस पर पुलिस ने नाकाबंदी की और ढाणी नागान बायपास पर महलां तिराहे की तरफ से आ रही कार को पीछा कर पकड़ लिया।
औषधि नियंत्रक अजय फाटक ने बताया कि पुलिस जब्त खून को लेकर जयपुर के एसएमएस अस्पताल पहुुंची तो वहां दस्तावेज नहीं होने के चलते जमा करने से मना कर दिया गया। इसके चलते पुलिस रक्त को वापस जोबनेर सामुदायिक चिकित्सालय लेकर आ गई। जोबनेर में इतने यूनिट खून को रखने के लिए डीप फ्रिज न होने से बाहर से व्यवस्था कर फ्रिज मंगवाया गया।