नई दिल्ली। भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए खास खबर है। सरकार जल्द ही एक बड़ा कदम उाने जा रही है। दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाले रॉ मैटेरियल के न्यूनतम आयात मूल्य (एमआईपी) तय करने पर विचार हो रहा है। खासकर उन दवाओं के मामले में, जिनका उत्पादन प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत होता है।

इससे उन फार्मा कंपनियों को काफी मदद मिलेगी, जोकि पीएलआई स्कीम के तहत इंडिया में बल्क ड्रग्स के उत्पादन के लिए बड़ा निवेश कर रही हैं। सरकार का यह प्लान अभी शुरुआती अवस्था में ही है।

सरकार शुरुआत में जरूरी एक्टिव फार्मास्युटिकल्स एनग्रेडिएट्ंस (API) की मैन्युफैक्चरिंग को सुरक्षा प्रदान करेगी। इनमें Penicillin-G (PEN-G) और Clavulanic Acid आदि शामिल हैं। अभी इन रॉ मैटेरियल का चीन से बड़ी मात्रा में इंपोर्ट होता है। एंटिबायोटिक के प्रोडक्शन के लिए ये जरूरी रॉ मैटेरियल्स हैं। बताया गया है कि चीन के सप्लायर्स अपने रॉ मैटेरियल की कीमतें काफी कम रख रहे हैं।

इससे रॉ मैटेरियल बनाने वाली इंडियन कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। खासकर उन कंपनियों को ,जो पीएलआई स्कीम के तहत रॉ मैटेरियल का उत्पादन कर रही हैं। चीन से सस्ते आयात से इंडिया में उत्पादित रॉ मैटेरियल को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।