तिरुवनंतपुरम। दवा प्रचार मामले में रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को एर्नाकुलम की एक अदालत ने सम्मन भेजा है। बाबा रामदेव और दिव्य फार्मेसी के आचार्य बालकृष्ण को औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा दायर मामलों में कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया गया है।

कक्कनद में न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट अदालत ने अवैध दवा प्रचार के को लेकर दो अलग-अलग आदेश जारी किए। विभाग ने इन मामलों में रामदेव और आचार्य दोनों पर औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम की धारा 3(डी) का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। अदालत ने एक मामले में आरोपियों को 30 जनवरी को समन जारी किया और दूसरे मामले में आरोपियों को अगले साल 17 फरवरी को पेश करने के निर्देश दिए।

इसके अलावा तिरुवनंतपुरम में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने भी विभाग द्वारा दायर एक अन्य मामले में उन्हीं आरोपियों को नोटिस जारी किया है। मामले की सुनवाई 21 नवंबर को होगी। ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट ने रामदेव द्वारा प्रवर्तित दिव्य फार्मेसी के खिलाफ कोझिकोड (4 मामले), पलक्कड़ (3 मामले), एर्नाकुलम (2 मामले) और तिरुवनंतपुरम (1 मामला) की विभिन्न अदालतों में भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए कुल 10 मामले दर्ज किए हैं।

राज्य का ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट अप्रैल में भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ अदालत में मामला दर्ज करने वाली देश की पहली ड्रग लाइसेंसिंग एजेंसी बन गई है। पतंजलि की दिव्य फार्मेसी ने 30 से अधिक मामलों में उन बीमारियों के लिए दवा उत्पादों का विज्ञापन किया। इनके इलाज का विज्ञापन नहीं किया जाना चाहिए। कन्नूर के एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता डॉ. बाबू के.वी. द्वारा दायर की गई शिकायत के आधार पर मामले शुरू किए गए थे।