मुंबई। सन फार्मा, ल्यूपिन और डॉ. रेड्डीज ने अमेरिका से दवाएं वापस मंगाई हैं। इसे पीदे गुणवत्ता विवाद बताया गया है। घरेलू दवा कंपनियां विनिर्माण संबंधी समस्याओं और उत्पाद मिश्रण के कारण अमेरिकी बाजार से दवाएं वापस ले रही हैं। अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक ने यह जानकारी दी है।

यह है मामला

अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएसएफडीए) के अनुसार सन फार्मास्युटिकल एक जेनेरिक दवा की 5,448 बोतलें वापस मंगा रही है। 16 जून को अमेरिका में दवा वापसी प्रक्रिया शुरू हुई। लिस्डेक्सामफेटामाइन डाइमेसिलेट कैप्सूल (60 मिलीग्राम) के प्रभावित लॉट को वापस मंगाया है।

एक अन्य दवा निर्माता कंपनी ल्यूपिन उच्च रक्तचाप के इलाज की जेनेरिक संयोजन दवा की 58,968 बोतलें वापस मंगा रही है। नेपल्स स्थित ल्यूपिन लिसिनोप्रिल और हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड टैबलेट (यूएसपी 20 मिग्रा/12.5 मिग्रा) को वापस मंगा रही है। प्रभावित खेप कंपनी के नागपुर स्थित विनिर्माण संयंत्र में बनाई गई थी।

वहीं, अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक ने बताया कि इस उत्पाद को एक शिकायत के आधार पर वापस मंगाया है। लिसिनोप्रिल और हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड टैबलेट 20 मिग्रा/12.5 मिग्रा की एक सीलबंद बोतल में एक विदेशी टैबलेट थी। इसकी पहचान एटाजानवीर और रिटोनावीर टैबलेट 300 मिग्रा/100 मिग्रा के रूप में हुई है। यूएसएफडीए ने कहा कि डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज ओमेप्राजोल विलंबित-रिलीज कैप्सूल की 1,476 बोतलें वापस मंगा रही है। इस दवा का उपयोग पेट संबंधी कुछ समस्याओं के इलाज के लिए होता है।प्रिंसटन स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, इंक. ने 30 जून, 2025 को इस दवा को वापस मंगाने की प्रक्रिया शुरू की है।