समस्तीपुर (बिहार)। दवा एजेंसी के एक्सपायर्ड लाइसेंस पर नशीले इंजेक्शन की सप्लाई की गई। यह मामला दलसिंह सराय क्षेत्र में फर्जी दवा दुकान के पर्दाफाश में हुआ है। यह दवा एजेंसी महीनों से खुली नहीं। उसके नाम पर नशीली दवाओं की सप्लाई की जा रही थी। ड्रग विभाग ने गंज रोड स्थित मेसर्स मां ड्रग एजेंसी पर रेड की। जांच करने पर दवा दुकान भौतिक अस्तित्व में नहीं मिली। आसपास के लोगों ने बताया कि दुकान बंद हो चुकी है। इसके बाद औषधि विभाग ने दुकान मालिक से संपर्क किया। मालिक ने बताया कि दुकानदार दुकान खाली कर चला गया। उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

यह है मामला

ड्रग विभाग को फुटकर दुकान के लाइसेंस पर बड़े पैमाने पर नशीली दवाओं की आपूर्ति की सूचना मिली थी। इसमें क्लोनाजेपम, डाइजेप, लोराजेपाम जैसी नशीली दवाओं की सप्लाई की गई थी। जांच में सामने आया कि ड्रग लाइसेंस की अवधि ही समाप्त हो चूंकि है। इसके बाद भी दवा का अवैध कारोबार चल रहा है। उपरोक्त तीनों दवाओं का नशे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आशंका है कि इन दवाओं की अवैध आपूर्ति फुटकर बाजार में की जा रही थी। सहायक औषधि नियंत्रक शंभूनाथ ठाकुर ने बताया कि दुकान संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। उसके नेटवर्क की भी जांच की जाएगी। दवा दुकानदार को दवाओं के क्रय-विक्रय का विवरणी पत्र जारी किया गया है।

बताया गया है कि मेसर्स मां ड्रग एजेंसी का लाइसेंस की अवधि समाप्त हो चुकी है। ड्रग लाइसेंस 30 अक्टूबर 2023 तक की अवधि के लिए परमानंद राय के नाम से जारी किया था। अवधि समाप्त होने के उपरांत 24 फरवरी 2024 को लाइसेंस संख्या के आधार पर दवा खरीदी गई।