नई दिली। बी.फार्मा के लिए शिक्षकों और छात्रों का अनुपात 1:20 तय कर दिया गया है। यह घोषणा फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने की है। बताया कि बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी.फार्मा) पाठ्यक्रमों के लिए कर्मचारियों और छात्रों का अनुपात सिद्धांत कक्षाओं और व्यावहारिक कक्षाओं में 1:20 से अधिक नहीं होना चाहिए।

परिषद ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए अपने पहले परिपत्र के प्रासंगिक हिस्सों को संशोधित किया है। वहीं, संस्थानों से अंतिम तिथि की प्रतीक्षा किए बिना आवेदन जमा करने की भी मांग की। काउंसिल के अनुसार बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी.फार्मा) कोर्स रेगुलेशन, 2014 में स्टाफ और छात्र का अनुपात निर्दिष्ट नहीं है। बी.फार्म कोर्स में थ्योरी कक्षाओं और प्रैक्टिकल कक्षाओं में स्टाफ और छात्र का अनुपात 1: 20 से अधिक नहीं होना चाहिए।

60 छात्रों वाले बी.फार्म पाठ्यक्रमों के लिए स्टाफ की आवश्यकता को चार प्रोफेसर, चार एसोसिएट प्रोफेसर और सात सहायक प्रोफेसर/व्याख्याता सहित कुल 15 से संशोधित करके 12 कर दिया है। इसमें तीन प्रोफेसर, चार एसोसिएट प्रोफेसर, पांच सहायक शामिल हैं। 100 छात्रों वाले बी.फार्म पाठ्यक्रम के लिए चार प्रोफेसर, सात एसोसिएट प्रोफेसर और 14 सहायक प्रोफेसर/व्याख्याता सहित कुल 25 को घटाकर चार प्रोफेसर, सात एसोसिएट प्रोफेसर और नौ सहायक सहित कुल 20 शिक्षक कर दिया गया है।