देहरादून (उत्तराखंड)। गैस समेत तीन दवाओं के लाइसेंस कैंसिल कि ए गए हैं। ये तीनों दवाएं उत्तराखंड में निर्मित की गई है। यह र्कारवाई औषधि विभाग ने की। इन दवाओं में एक दवा उल्टी, एक गैस जबकि एक विटामिन की है। संबंधित कंपनियों को नोटिस दिए गए हैं।
यह है मामला
राज्य के ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि सीडीएससीओ ने देशभर में बन रही तमाम दवाओं की जांच कराई थी। इनमें उत्तराखंड में बनी तीन दवाओं के सैंपल जांच में फेल मिले। इन दवाओं को बनाने वाली कंपनियों-एग्रोन फार्मा, लाइफ मैक्स और कर्नानी फार्मा को नोटिस जारी किया गया है। इनका उक्त दवा संबंधी लाइसेंस भी कैंसिल कर दिया गया है। साथ ही इन दवाओं के सबस्टैंडर्ड बैच, बाजार से वापस मंगाने को भी कहा है।
बता दें कि देश के दवा नियामक प्राधिकरण ने पैरासीटामॉल, पैन डी, कैल्सियम और विटामिन डी 3 सप्लीमेंट के अलावा डायबिटीज की गोलियों समेत 50 से ज्यादा उन दवाओं की लिस्ट तैयार की है। इन्हें इसकी रिपोर्ट में ‘मानक गुणवत्ता से रहित’ दवा के रूप में वर्गीकृत किया गया है।केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की ओर से अगस्त के लिए दवा संबंधी अलर्ट में जिन दवाओं की खेप को चिह्नित किया है।
इन दवाओं में अल्केम लेबोरेटरीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड, हेटेरो लैब्स लिमिटेड, कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, नेस्टर फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, प्रिया फार्मास्यूटिकल्स और स्कॉट-एडिल फार्माशिया लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं।
सीडीएससीओ की ओर से जारी अलर्ट में शेल्कल, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के साथ विटामिन सी सॉफ्टजेल, विटामिन सी और डी3 टैबलेट और सिप्रोफ्लोक्सासिन टैबलेट जैसी दवाओं के नमूने शामिल हैं।उच्च रक्तचाप की दवाएं टेल्मिसर्टन और एट्रोपिन सल्फेट के अलावा एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलनेट टैबलेट जैसे एंटीबायोटिक्स को भी ‘मानक गुणवत्ता से रहित’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।