आगरा (उत्तर प्रदेश)। नकली दवा बनाने वाली दो फैक्ट्रियों का पर्दाफाश हुआ है। मौके से फैक्ट्री संचालक सौरभ दुबे, अश्वनी गुप्ता सहित प्रोडक्शन मैनेजर और मजदूर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ये नकली दवाएं पशुओं की बीमारी के इलाज के नाम पर कई राज्यों में बेची जा रही थी। ड्रग और पुलिस विभाग ने संयुक्त छापेमारी कर करोड़ों रुपये का नकली दवा बनाने का सामान जब्त किया है।

यह है मामला

शास्त्रीपुरम इलाके में दो दवा कंपनी अवैध रूप से चलाई जा रही थी। इसकी जानकारी मिलने के बाद ड्रग विभाग और पुलिस ने रेड की तो करोड़ों रुपये की दवा बरामद हुई। दोनों कंपनी का लाइसेंस नहीं था। कंपनियां दवा बनाकर गुजरात, मुंबई, एटा, कानपुर, अलीगढ, जयपुर और पंजाब आदि जगहों पर खपा रही थी। ड्रग विभाग ने एक दर्जन से अधिक दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। दोनों कंपनी के संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

जानकारी अनुसार इन फैक्ट्री में बनने वाली दवाओं के लिए कच्ची सामग्री मुंबई और दिल्ली से लाई जाती थी। पता चला है कि आरोपियों ने उत्तराखंड के तासीपुर रुडक़ी और काशीपुर में लोन का लाइसेंस लिया था लेकिन उत्तर प्रदेश में दवा बनाने का कोई भी लाइसेंस नहीं था। डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि ये किन कंपनियों को दवा सप्लाई करते थे।