मुंबई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना मरीजों को मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन और एचआइवी की दवा लोपिनवीर और रिटोनवीर के कंबिनेशन की खुराक देने पर फिर रोक लगा दी है। बताया गया है कि इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना मरीजों की मृत्युदर में कमी नहीं आ रही है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दवा के परीक्षण पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था की सिफारिश पर इन दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला किया गया है। बीते दिनों अमेरिका की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (हृढ्ढ॥) ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने के लिए चल रहे क्लीनिकल ट्रायल पर रोक लगा दी थी। कहा गया था कि अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस के मरीजों के लिए यह दवा बहुत फायदेमंद नहीं है। हाल ही में ब्रिटेन की चिकित्सा नियामक एजेंसी ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन का कोरोना मरीजों के इलाज के लिए परीक्षण बहाल करने की अनुमति दे दी थी। परीक्षण में देखा जाएगा कि दवा लेने पर स्वास्थ्य कर्मियों का कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव होता है या नहीं। गौरतलब है कि मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन उस समय चर्चा में आ गई थी जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि कोरोना मरीजों पर यह दवा असरदार है और यह गेमचेंजर साबित हो सकती है।