मुंबई। ज़ाइडस फार्मा ने भारत में पहला ट्राइवेलेंट इन्फ्लूएंजा वैक्सीन वैक्सीफ्लू लॉन्च किया है। ग्लोबल हेल्थकेयर कंपनी ज़ाइडस लाइफ साइंसेस लिमिटेड ने कहा कि यह वैक्सीन विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैश्विक सिफारिशों के अनुरूप है। इसका उद्देश्य भारत में फ्लू के बढ़ते मामलों से निपटना है।
ज़ाइडस ने निर्धारित स्ट्रेन सिफारिशों के अनुसार यह वैक्सीन पेश की है। सीजऩल फ्लू एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करती है। फ्लू के वायरस हर साल बदलते हैं, इसलिए हर बार नई वैक्सीन की आवश्यकता होती है।
डब्ल्यूएचओ और सेंटर्स फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) जैसे संगठन इस पर लगातार नजऱ रखते हैं। यह नई वैक्सीन वैक्सीफ्लू तीन वायरस स्ट्रेन से सुरक्षा प्रदान करती है। इनकी सिफारिश डब्ल्यूएचओ ने उत्तरी गोलार्ध के 2025-26 सीजऩ के लिए की है। डॉ. परवेज़ कौल (रॉयल कॉलेज ऑफ फिज़िशियंस, लंदन) ने बताया कि दुनिया में फ्लू वैक्सीन क्वाड्रावेलेन्ट और ट्राइवेलेन्ट दोनों रूपों में उपलब्ध हैं। हालांकि, मार्च 2020 के बाद से इन्फ्लुएंज़ा बी यामागाटा वायरस का कोई भी केस सामने नहीं आया है। इसी कारण डब्ल्यूएचओ और सीडीसी ने अब वैक्सीन में इस स्ट्रेन को शामिल करने की जरूरत नहीं मानी है।
अमेरिका सहित करीब 40 देश पहले ही ट्राइवेलेन्ट वैक्सीन को अपना चुके हैं। इससे यह सबसे वैज्ञानिक और सही विकल्प बन गया है। ज़ाइडस के एमडी डॉ. शारविल पटेल ने कहा कि उनका लक्ष्य हमेशा वैश्विक दिशानिर्देशों के अनुरूप समय पर वैक्सीन उपलब्ध कराना रहा है।
यह वैक्सीन हाई-रिस्क ग्रुप्स में फ्लू से जुड़ी जटिलताओं को काफी कम कर देगी। यह वैक्सीन 6 महीने और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है और यह मौजूदा सीजऩ में बेहतर सुरक्षा तय करती है।