गिरिडीह (झारखंड)। नशीली दवा अवैध रूप से बेचने के आरोपी फर्जी डॉक्टर को कोर्ट ने साढ़े तीन साल कारावास की सजा सुनाई है। प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश मनोज प्रसाद की अदालत ने हीरोडीह के किमापहरी निवासी जमाल अंसारी को यह सजा सुनाई है। साथ ही, एक लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है
यह है मामला
जिला प्रशासन को सूचना मिली थी कि बसकुपाय गांव में एक अवैध क्लिनिक और दवा दुकान का संचालन किया जा रहा है। जमुआ के तत्कालीन प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बालमुकुंद राय ने 31 जनवरी, 2013 को क्लिनिक में रेड की और भारी मात्रा में अवैध दवा के साथ कई उपकरण भी बरामद किए। जांच के दौरान जानकारी मिली कि जमाल अंसारी नामक व्यक्ति अवैध क्लिनिक चला रहा है। वह घर से ही अवैध तरीके से दवाइयां भी बेच रहा है।
छापेमारी के दौरान पता चला कि क्लिनिक में कई अवैध कार्र्य भी किए जा रहे हैं। रेड के दौरान नशीली दवाइयां भी बरामद की गयीं। नशीली दवाइयां बेचने के साथ ही गर्भपात जैसा अवैध कार्य भी क्लिनिक में कराया जा रहा था। यही नहीं, जमाल अंसारी फर्जी डॉक्टर के रूप में क्लिनिक चजा रहा था। जब जांच अधिकारियों ने जमाल अंसारी से चिकित्सा संबंधी डिग्री दिखाने काो कहा तो वह कोई भी डिग्री नहीं दिखा पाया। इस पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था।