लखनऊ। फार्मेसी संस्थानों को मनमाने ढंग से एनओसी जारी करने पर 105 अधिकारियों को नोटिस सौंपे गए हैं। प्राविधिक शिक्षा विभाग के इन अधिकारियों की नौकरी पर अब तलवार लटक गई है।
यह है मामला
सूबे में फार्मेसी संस्थान खोलने और उन्हें मान्यता देने के लिए एनओसी जारी करने में अधिकारियों ने बड़ा खेल खेला है। जरूरी दस्तावेज एवं जरूरी मानकों को पूरा नहीं करने वाले अपात्र संस्थानों को भी अधिकारियों ने डी-फार्मा कोर्स की एनओसी दे दी थी। दुबारा जांच होने के बाद अब प्राविधिक शिक्षा विभाग ने नए सिरे से 105 अधिकारियों को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है।
इस मामले की शिकायत जब मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंची तो विभागीय जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट संतोषजनक नहीं मिलने पर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाकर दुबारा जांच कराई गई और इसमें गड़बड़ी के कुछ और नए तथ्य सामने आए। रिपोर्ट के बाद प्राविधिक शिक्षा परिषद ने आरोपी सभी 105 अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया है और 15 दिनों में जवाब भी मांगा है।
कमियों को अनदेखा किया गया
तीन बार की जांच में कई महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा हुआ है। एनओसी देते समय अधिकारियों ने आवेदकों के राजस्व अभिलेखों में पाई गई कमियों को जानबूझकर नजरअंदाज किया। कई जगह पीसीआई (फार्मेसी काउन्सिल ऑफ इण्डिया) के मानकों के अनुसार पुस्तकालय, प्रयोगशालायें व उपकरणों की कमी के बावजूद एनओसी जारी की दी गई। संस्थान के भवन बारे में भी कई संस्थानों की अधूरी सूचनाएं पाई गई हंै।